Bihar Vidhan Sabha Election Result 2025: बिहार की जीत का सेहरा तो नीतीश कुमार के सर ही बंधेगा। लेकिन जेडीयू की जबरदस्त सफलता के लिए नीतीश कुमार की अपील से बढ़कर कुछ तो ऐसा हुआ होगा जो जमीन पर उनकी ताकत बढती रही। आरसीपी सिंह जेडीयू अध्यक्ष बने और पार्टी छोड़ गए ललन सिंह अध्यक्ष बने। फिर केंद्र में मंत्री बने...लेकिन अपना इलाका मुंगेर और बेगुसराय इलाके में सीमित रखा। फिर संजय झा कार्यकारी अध्यक्ष बने। लेकिन मुश्किल ये थी की जमीन पर काम कौन करेगा।
ऐसे में कमान संभाली एक ऐसी शख्सियत ने जो पिछले एक साल से बिहार के हर जिले, कस्बे में घुम रहा था। पदाधिकारियों की बैठक कर उन्हें एकजुट कर रहा था और छोटी छोटी सभाएं कर नीतीश सरकार के काम का लेखा जोखा जनता के सामने पेश कर रहा था।
ये है मनीष वर्मा। एक साल पहले ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा नौकरी से इस्तीफा देकर नीतीश कुमार की उपस्थिति में जेडीयू में शामिल हुए। आनन फानन में उन्हें राष्ट्रीय महासचिव भी बना दिया गया। नीतीश कुमार के इलाके नालंदा से थे और उनकी जाति से भी आते थे तो चारो तरफ संदेश यही गया कि वो नीतीश के उत्तराधिकारी होंगे।
संबंधित खबरें [/url]
[url=https://hindi.moneycontrol.com/elections/vidhan-sabha-election/bihar/modi-formual-gets-grand-success-in-bihar-saffronisation-with-social-justice-is-the-main-factor-behind-this-success-article-2283986.html]बिहार में मोदी फॉर्मूला की बेमिसाल सफलता में सामाजिक न्याय के भगवाकरण का बड़ा हाथ अपडेटेड Nov 14, 2025 पर 6:06 PM [/url]
[url=https://hindi.moneycontrol.com/elections/vidhan-sabha-election/bihar/bihar-election-2025-anant-singh-mokama-result-bhoj-video-dhol-nagara-dance-celebration-article-2283960.html]Bihar Election Result 2025: मोकामा में वीणा देवी को पीछे छोड़ अनंत सिंह की जीत, आवास में भव्य जश्न और भोज का वीडियो वायरल अपडेटेड Nov 14, 2025 पर 6:00 PM [/url]
[url=https://hindi.moneycontrol.com/elections/vidhan-sabha-election/bihar/bihar-election-result-2025-prashant-kishore-party-jan-suraaj-failed-to-open-its-account-in-bihar-elections-article-2283950.html]बिहार चुनाव: बड़े-बड़े दावे...फिर क्यों बिहार में खाता नहीं खोल पाई जनसुराज? अर्श से फर्श पर आए प्रशांत किशोर अपडेटेड Nov 14, 2025 पर 5:53 PM
लेकिन इसके पलट मनीष वर्मा ने जो बिहार की धूल फांकनी शुरु की तो ये साफ हो गया कि उन्हे फिलहाल रेवड़ी नहीं चाहिए वो राजनीति में रमना चाहते हैं और जड़ो तक पार्टी को मजबूत बनाने के लिए नीतीश के मिशन को पूरा करने के लिए निकल पड़े हैं। दरअसल 2020 के चुनावों में जेडीयू के मिली 45 सीटों के झटके ने नीतीश कुमार को भी पार्टी के भविष्य के बारे में सोंचने को मजबूर कर दिया था। इसलिए मनीष वर्मा जैसे युवा को पार्टी को जोडने के काम पर लगा दिया।
27 सितंबर 2024 से मनीष वर्मा ने तय किया कि वो बिहार के हर जिले मे कार्यकर्ता समागम करेेगे जहां वो खुद मौजुद रहेंगे। 27 और 28 सितंबर 2024 को मुजफ्पर पुर में पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर इस अभियान की शुरुआत की। इसमें वो पंचायत से लेकर प्रख्ड और जिले स्तर के पदाधिकारियों से मिलते रहे और उनकी शिकायते सुनते रहे। एक ही मकसद था आने वाली जंग के लिए उन्हें तैयार करना।
27 नवंबर 2024 से शुरु हुआ उनका कार्यकर्ता समागम 20 जनवरी 2025 को नालंदा में जाकर समाप्त हुआ। मनीष वर्मा का मकसद एक ही था कि अगर भविष्य की पार्टी बनानी है तो युवाओं को प्रमुखता से जोडना होगा और पार्टी कार्यकर्ताओं को हर संभव मदद का भरोसा भी दिया।
ये भी पढ़ें- Bihar Chunav Result 2025: बिहार में कांग्रेस का सूपड़ा साफ! सिर्फ 1 सीट पर आगे है देश की सबसे पुरानी पार्टी
चुनावों तक उनके जनता औऱ कार्यकर्ताओं से संवाद का काम चलता रहा और नतीजा सामने है। हर बड़े घटनाक्रम के पीछे कुछ छुपे हुए हीरो होते हैं जिन्हें पब्लिसीटी की जरुरत नहीं होती। मनीष वर्मा उनमें से ही हैं। इसलिए एनडीए की जीत सुनिश्चित होने के बाद उन्होने एक्स पोस्ट पर लिखा कि नीतीश जी थे, नीतीश जी हैं और नीतीश जी रहेंगे तो सभी अटकलबाजियों पर विराम तो लग ही गया। |