पी चिदंबरम के बयान पर सियासी बवाल। (पीटीआई)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली आतंकी हमले पर सीनियर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की \“घरेलू आतंकवादी\“ पर टिप्पणी पर सियासी घमासान छिड़ गया है। भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस नेता के बयान की खुलकर आलोचना की है। बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कांग्रेस पर आतंकवादियो को सॉफ्ट सपोर्ट देने का आरोप लगाया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने आतंकवादियों को जानवर बताते हुए कहा, “जब आतंकवादियों को चोट पहुंचती है, तो ये लोग (कांग्रेस) चीखने-चिल्लाने लगते हैं। मुझे नहीं पता कि वे आतंकवादियों के प्रवक्ताओं की तरह क्यों बात करते हैं।“
कांग्रेस समझे वो किसके साथ खड़ी है- नलिन कोहली
बीजेपी नेता नलिन कोहली ने कहा, “आतंकवादी तो आतंकवादी ही होते हैं। कांग्रेस नेतृत्व उन्हें चाहे जो भी वर्गीकरण दे, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।“
उन्होंने कहा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के सिर्फ दो पक्ष होते हैं, एक वो जो आतंकवादियों के साथ खड़े होते हैं और दूसरे वो जो इसके खिलाफ खड़े होते हैं। चिदंबरम और उनकी पार्टी को पीड़ितों को यह समझाना चाहिए कि वे किसके पक्ष में खड़े हैं। उन्हें ऐसा बयान देने के लिए माफी मांगनी चाहिए।“
आतंकवादी तो आतंकवादी ही होता है- जेडीयू
बीजेपी के सहयोगी जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा, “मुझे हैरानी है कि कांग्रेस नेताओं को क्या हो गया है। आतंकवाद के लिए एक नई भाषा? विदेशी और घरेलू आतंकवादी? आतंकवादी तो आतंकवादी ही होता है।“
घरेलू आतंकवादियों के जिक्र पर मेरा मजाक उड़ाया गया- चिदंबरम
रविवार को दिल्ली में हुए आतंकी हमले के बाद कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर कहा था, “पहलगाम आतंकी हमले से पहले और बाद में भी मैं यही कहता रहा हूं कि आतंकवादी दो तरह के होते हैं, विदेश से प्रशिक्षित घुसपैठिए आतंकवादी और घरेलू आतंकवादी। मैंने संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान भी यही कहा था। घरेलू आतंकवादियों के जिक्र पर मेरा मजाक उड़ाया गया और मुझे ट्रोल किया गया।
उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, मुझे कहना होगा कि सरकार ने इस पर चुप्पी साध ली क्योंकि सरकार जानती है कि घरेलू आतंकवादी भी होते हैं। इस ट्वीट का मकसद यह है कि हमें खुद से पूछना चाहिए कि ऐसी कौन सी परिस्थितियां हैं जो भारतीय नागरिकों, यहां तक कि पढ़े-लिखे लोगों को भी आतंकवादी बना देती हैं।
चिदंबरम के पोस्ट पर छिड़ी सियासी बहस
चिदंबरम के इस पोस्ट के बाद इस बात पर बहस छिड़ गई है कि क्या शिक्षा लोगों को सही चुनाव करने में मदद करती है। दिल्ली आतंकी हमले की जांच में डॉक्टरों के अलावा अल-फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक जावेद अहमद सिद्दीकी को भी शामिल किया गया है। तीनों आरोपी डॉक्टर इसी संस्थान में कार्यरत थे।
अगर उनके इरादे बुरे हैं, तो शिक्षित होने पर भी बम बनाएंगे- सीएम हिमंता
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “दिल्ली विस्फोट ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कुछ बीमारियां शिक्षा से ठीक नहीं हो सकतीं।“ उन्होंने आगे कहा, “अगर उनके इरादे बुरे हैं, तो वे शिक्षित होने पर और भी बम बनाएंगे। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वे शिक्षित होने पर अच्छे काम करेंगे।“ |