अल-फलाह विश्वविद्यालय कैंपस की फाइल फोटो। सौजन्य- जागरण
दीपक पांडेय, फरीदाबाद। अल-फलाह विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अनिवार्य नवीनीकरण आवश्यकताओं को पूरा करने में विफल रहने के बावजूद मान्यता का दावा जारी रखने के लिए यह नोटिस दिया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एनएएसी की ओर से पिछली मान्यता रद करने की चेतावनी भी दी गई है। विश्वविद्यालय को 15 दिनों के भीतर कारण सहित जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं।
अल-फलाह विश्वविद्यालय की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। अल-फलाह स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी पर उसकी मान्यता स्थिति में गंभीर विसंगतियों का आरोप है।
कब मिली थी मान्यता?
नोटिस में कहा गया है कि अल-फलाह को आखिरी बार 2013 में चक्र एक के तहत \“बी\“ ग्रेड और 2.63 के सीजीपीए के साथ मान्यता मिली थी। अगली मान्यता चक्र के लिए उसे 2018 तक एक स्व-अध्ययन रिपोर्ट (एसएसआर) और गुणवत्ता मूल्यांकन हेतु संस्थागत सूचना (आइआइक्यए) जमा करनी थी। एनएएसी के अनुसार बार-बार याद दिलाने के बावजूद विश्वविद्यालय दोनों दस्तावेज जमा करने में विफल रहा।
मान्यता को अमान्य क्यों न माना जाए?
नोटिस में कहा गया है कि निर्धारित अवधि के भीतर आइआइक्यए/एसएसआर जमा करने में विफल रहने वाले संस्थानों को मान्यता की स्थिति जारी रखने के लिए अनिच्छुक माना जाएगा। 14 नवंबर को अपनी स्थायी समिति द्वारा समीक्षा के बाद एनएएसी ने मान्यता नियमावली के खंड 7.4 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया। जिसमें विश्वविद्यालय को 15 दिनों के भीतर यह बताने का निर्देश दिया गया कि उसकी मान्यता को अमान्य क्यों न माना जाए।
एजेंसी ने सात विशिष्ट प्रश्नों के उत्तर भी मांगे हैं। यदि अल-फलाह निर्धारित समय के भीतर जवाब देने में विफल रहता है, तो एनएएसी ने चेतावनी दी है कि वह एकतरफा कार्रवाई करेगा और अपने निर्णय के बारे में यूजीसी को सूचित करेगा।
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