संयुक्त राष्ट्र ने ईरान पर लगाए नए प्रतिबंध
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के चलते तेहरान पर हथियार समेत तमाम प्रतिबंध दोबारा लगा दिए हैं। यह प्रतिबंध यूरोपीय ताकतों द्वारा शुरू की गई प्रक्रिया के बाद लगाया गया है। तेहरान ने चेतावनी दी है कि इसका कठोर जवाब दिया जाएगा। वहीं इजरायल ने इन प्रतिबंधों की सराहना करते हुए इसे बड़ा घटनाक्रम बताया है। वहीं रूस ने इसे गैरकानूनी बताया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ईरान पर दोबारा प्रतिबंध लगाने की पहल की थी। ईरान पर 2015 के उस समझौते के उल्लंघन का आरोप है, जिसका उद्देश्य उसे परमाणु बम बनाने से रोकना था। ईरान ने परमाणु हथियार बनाने की कोशिशों से इनकार किया है।
मध्य एशिया में तनाव बढ़ने की संभावना
बता दें कि दस साल पुराने परमाणु समझौते के खत्म होने से मध्य एशिया में तनाव बढ़ने की संभावना है। इस समझौते पर ईरान, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, अमेरिका, रूस और चीन ने सहमति दी थी। यह समझौता इजरायल और अमेरिका द्वारा ईरानी परमाणु स्थलों पर बमबारी के कुछ ही महीनों बाद खत्म हुआ है। संयुक्त राष्ट्र में 2006 और 2010 के बीच पारित प्रस्तावों के आधार पर ईरान पर नए सिरे से प्रतिबंध लागू कर दिए गए।
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ईरान पर लगाया गया प्रतिबंध गैरकानूनी- रूस
इजरायल ने प्रतिक्रिया में कहा कि ईरान को परमाणु हथियार से लैस होने से रोकने के लिए हर उपाय आजमाना चाहिए। ईरान ने कहा कि वह ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी में अपने राजदूतों को परामर्श के लिए वापस बुला रहा है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने प्रतिक्रिया में कहा कि ईरान पर लगाया गया प्रतिबंध गैरकानूनी है और इसे लागू नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को लिखे पत्र में उन्होंने आगाह किया है कि ये बड़ी गलती साबित हो सकती है। प्रतिबंधों के चलते ईरानी मुद्रा और कमजोर हो गई। बोन-बास्ट डॉट काम के मुताबिक शनिवार को ये 10,85,000 से गिरकर 11,23,000 रियाल प्रति डालर पर जा पहुंची।
संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का असर
- हथियार प्रतिबंधों के तहत ईरान यूरेनियम एनरिचमेंट और रीप्रोसेसिंग गतिविधियां नहीं कर पाएगा।
- परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलें नहीं बना पाएगा।
- यात्रा प्रतिबंधों के तहत दर्जनों ईरानी नागरिकों के देश छोड़ने पर रोक लगेगी।
- ईरान के परमाणु कार्यक्रम में इस्तेमाल होने वाली किसी भी चीज की आपूर्ति नहीं हो सकेगी।
- सभी देशों को प्रतिबंधों की श्रेणी में आनेवाली ईरानी वस्तु को जब्त करने का अधिकार होगा।
- ईरान किसी अन्य देश में यूरेनियम खनन, उत्पादन या परमाणु सामग्री एवं प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा।
(समाचार एजेंसी रॉयटर्स के इनपुट के साथ)
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