डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के थाने में एक महिला डॉक्टर पर 2021 में कोविड महामारी के चरम पर हुए बर्बर हमले ने पूरे देश को हिला दिया था। अब कोर्ट ने आरोपी को सात साल की कड़ी कैद की सजा सुनाई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वसुधा भोसले ने 31 अक्टूबर को फैसला सुनाया। आरोपी राशिद शकील खान पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। फैसले की कॉपी शनिवार को उपलब्ध हुई है।
क्या है पूरा मामला?
3 जनवरी 2021 को थाने जिले के भायंदर इलाके में डॉ. गायत्री नंदलाल जायसवाल अपनी क्लिनिक में थीं। आरोपी आरटी-पीसीआर टेस्ट की जानकारी लेने के बहाने अंदर घुसा। डॉक्टर ने उसे इंतजार करने को कहा, लेकिन वह गुस्से में चला गया।
थोड़ी देर बाद वह वापस लौटा और अचानक हमला कर दिया। लोहे के हथौड़े से डॉक्टर के सिर पर कई जोरदार वार किए। डॉक्टर गंभीर रूप से घायल होकर खून से लथपथ गिर पड़ीं। तब आरोपी ने उनकी सोने की चेन, अंगूठी, मोबाइल फोन और 5 हजार रुपये नकद लूट लिए।
जानलेवा हो सकती थी चोट
इस हमले में डॉक्टर को गंभीर चोटें आईं। इस दौरान उनकी दाहिनी तरफ छोटा हाइपरडेंस फ्रंटल सबड्यूरल हेमरेज भी हुआ। कोर्ट ने कहा कि यह चोट जानलेवा हो सकती थी। अगर समय पर इलाज न मिलता तो डॉक्टर की जान जा सकती थी। सीटी स्कैन रिपोर्ट में \“छोटा\“ बताया गया हेमरेज भी बेहद गंभीर है। कोर्ट ने कहा है कि हमले से डॉक्टर की जान को खतरा पैदा हो गया था।
क्या हुई कार्रवाई?
आरोपी को आईपीसी की धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया है। इसमें घर में घुसकर चोट पहुंचाने की तैयारी और घातक हथियार से डकैती शामिल हैं। साथ ही डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा रोकने वाले 2019 के विशेष कानून के तहत भी सजा दी गई।
अभियोजन पक्ष ने 14 गवाह पेश किए। अतिरिक्त लोक अभियोजक आर पी पाटिल ने सभी आरोप साबित किए। कोर्ट ने कहा कि यह कानून डॉक्टरों को विशेष सुरक्षा देने के लिए बना है। कोर्ट ने सजा को \“उदाहरणात्मक\“ बताया। इससे पीड़िता को न्याय मिलेगा, दूसरों को ऐसा करने से रोका जाएगा और डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा बर्दाश्त नहीं करने का संदेश जाएगा।
जुर्माने की 20 हजार रुपये राशि में से 10 हजार रुपये डॉक्टर को मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे।
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