जागरण संवाददाता, आगरा। दयालबाग का एक परिवार अफ्रीका में फंस गया है। जिस भारतीय कंपनी में युवक काम कर रहा था, उसकी कंपनी ने उस पर लूट का आरोप लगाते हुए पासपोर्ट छीन लिया है। नौकरी से निकाले जाने के बाद आर्थिक संकट से परिवार जूझ रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कंपनी के अधिकारी मकान खाली करने के लिए दबाव बना रहे हैं। पीड़ित ने भारतीय दूतावास में शिकायत की, लेकिन वहां से भी मदद नहीं मिली है। पीड़ित ने फोन कर घटना की जानकारी स्वजन को देने के साथ ही भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
दयालबाग के बसेरा वसंत रेजीडेंसी खासपुर में रहने वाले धीरज जैन पुणे की सदगुरु टूर एंड ट्रैवल्स सर्विसेज कंपनी में एकाउंट एंड फाइनेंस मैनेजर के पद पर तैनात थे। उनकी वेस्ट अफ्रीका के डुआला कैमरून में तैनाती थी। यहां वह पत्नी सुप्रिया जैन व डेढ़ वर्षीय बेटी राघवी के साथ रह रहे हें।
धीरज जैन ने फोन पर बताया कि सात सितंबर 2024 को वह कंपनी का 25 लाख रुपये लेकर कार से ड्राइवर के साथ आफिस जा रहे थे। रास्ते में उनका कैश लूट लिया गया। उस समय उन्होंने और ड्राइवर ने कैश लूट का बयान लोकल पुलिस के पास दर्ज कराया था। नवंबर 2024 में वह दो महीने के लिए छुट्टी पर आगरा आ गए।
जनवरी 2025 में जब वापस वेस्ट अफ्रीका स्थित कंपनी के आफिस पहुंचे तब तक ड्राइवर ने अपना बयान बदल दिया था। लूट का आरोप उन पर लगाया गया है।
कंपनी के अधिकारियों ने नौकरी से निकालने के साथ ही उनका पासपोर्ट और वीजा छीन लिया है। लगातार उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। लूट के पुराने मामलों में फंसाने की धमकी दी जा रही है। पीड़ित का कहना है कि वह विदेश में परिवार सहित फंसे हुए हैं।
आए दिन उन्हें धमकियां मिल रही हैं। बेरोजागार होने के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। कंपनी के अधिकारी मकान मालिक पर घर खाली कराने और बिजली काटने के लिए दबाव बना रहे हैं। पीड़ित ने स्वजन को पूरे घटनाक्रम की जानकारी देने के साथ ही भारत सरकार से परिवार सहित सुरक्षित भारत लाने की गुहार लगाई है।
दयालबाग में रह रहे स्वजन भी हैं डरे हुए
धीरज जैन के पिता धनपाल जैन पेशे से ड्राइवर हैं। उनके स्वजन आगरा के दयालबाग में बसेरा वसंत रेजीडेंसी में रहते हैं। धीरज जैन की ससुराल फिरोजाबाद के आर्य नगर में है। धीरज के साथ ही उनकी पत्नी और बेटी के अफ्रीका में फंसे होने के कारण आगरा में रह रहे स्वजन भी डरे हुए हैं। उन्हें बेटे व उसके परिवार की चिंता सता रही है। |
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