सीओ रामकृष्ण की तत्परता से एमपी के ग्वालियर से बरामद विवाहिता बेटी का चिकित्सकीय परीक्षण कराने की प्रक्रिया शुक्रवार को पूरी की गई।
जागरण संवाददाता, सैदपुर (गाजीपुर)। जीवित विवाहिता बेटी की हत्या का आरोप ससुरालीजनों पर लगाते हुए उन्हें हत्या बताने वाली महिला का पोल तब खुल गया, जब पुलिस ने विवाहिता को बरामद कर लिया। सीओ रामकृष्ण की तत्परता से एमपी के ग्वालियर से बरामद विवाहिता बेटी का चिकित्सकीय परीक्षण कराने की प्रक्रिया शुक्रवार को पूरी की गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सादात थाना क्षेत्र के बरहपार भोजूराय गांव निवासिनी राजवंती देवी ने अपनी रुचि की शादी खानपुर थाना क्षेत्र के हथौड़ा गांव निवासी युवक राजेंद्र कुमार के साथ की थी। वर्ष 2023 में शादी हुई और दोनों हंसी खुशी जीवन बसर कर रहे थे। बीते तीन अक्टूबर 2025 को राजवंती देवी ने रुचि को जान से मारकर शव गायब करने का आरोप लगाते हुए पुलिस कप्तान के यहां प्रार्थना पत्र दिया।
एसपी ने जांच करने के लिए आदेशित किया। इसके बाद तीन अक्टूबर को राजवंती की तहरीर पर रुचि के पति राजेंद्र समेत छह ससुरालीजनों के खिलाफ दहेज हत्या समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा सादात थाना में लिखा गया और विवेचना सीओ रामकृष्ण तिवारी ने शुरू किया। विवेचना में पुलिस ने हर पहलुओं को ध्यान में रखकर विवेचना किया तो हकीकत का पता चला।
सर्विलांस के माध्यम से पता चला कि रुचि एमपी के ग्वालियर क्षेत्र के एक गांव में है। पुलिस टीम वहां पहुंची तो रुचि दूसरी शादी कर वहां जीवन बसर करती मिली। पुलिस उसे लेकर यहां आई। सीओ ने मीडिया के समक्ष सारी हकीकत बताई। कहा कि रुचि के मुताबिक उसकी शादी उसकी मर्जी के खिलाफ की गई थी। कक्षा 10 के परीक्षा के दौरान रेवई गांव निवासी गजेन्द्र नाम युवक से उसकी बातचीत हुई और उससे प्यार हो गया।
इधर रुचि की मर्जी के खिलाफ उसकी शादी राजेंद्र से हुई। शादी के बाद भी गजेन्द्र से रुचि की बात होती रही और मैंने भागकर उसके साथ शादी कर ली। एमपी में उसी के साथ रहती हूं। रुचि की मां राजवंती देवी का कहना है कि कुछ गांव वालों मुझसे कहा था कि रुचि को मारकर उसका शव गायब कर दिया गया है। सीओ ने स्पष्ट किया कि घटना पूरी तरह झूठी थी। फर्जी ढंग से मुकदमा कायम करवाने के मामले में आगे कार्रवाई की जाएगी। |
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