deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

सोने की महंगाई में आर्टिफिशियल ज्वेलरी का जलवा, दिल्ली में बढ़ी मांग

Chikheang Half hour(s) ago views 246

  

चांदनी चौक की दरीबा गली में आर्टिफिशियल ज्वेलरी की मांग तेजी से बढ़ रही है।



नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। चांदनी चौक की व्यस्त दरीबा गली के दोनों ओर सजे शोरूम में गहनों की चमक-दमक है। एक दुकान पर ग्राहक आकांक्षा खूबसूरत गहने देख रही हैं। उनकी सहेली की शादी नजदीक है और वह उसमें खूबसूरत दिखना चाहती हैं। सोने की कीमतें उनकी पहुंच से बाहर हैं, इसलिए वह आर्टिफिशियल ज्वेलरी को एक अच्छा विकल्प मानती हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

यह सिर्फ आकांक्षा की बात नहीं है, पिछले चार-पांच सालों में आर्टिफिशियल ज्वेलरी कई दिल्लीवासियों की पसंद बन गई है। बाजार के जानकारों के मुताबिक, आर्टिफिशियल ज्वेलरी हर साल 100 फीसदी बढ़ रही है और फिलहाल दिल्ली में इसका कारोबार पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है। बढ़ती मांग के साथ, डिजाइनों की विविधता और गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है।

दरीबा व्यापार मंडल के महासचिव मनीष वर्मा एक नेकलेस सेट दिखाते हुए कहते हैं कि कोई भी यह नहीं कह सकता कि यह सोने का नहीं, बल्कि पीतल और तांबे से बना है और सोने का पानी चढ़ा हुआ है। वह बताते हैं कि आर्टिफिशियल उत्पाद सोने के गहनों से काफी कम दामों पर उपलब्ध हैं।

उदाहरण के लिए, 20 से 25 लाख रुपये का एक ज्वेलरी सेट 30 से 40 हज़ार रुपये में आसानी से मिल जाता है। इनमें अंतर करना मुश्किल है। गौरतलब है कि सोने जैसे गहनों के साथ-साथ, कृत्रिम गहनों की भी एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है, जिनमें हरे, नीले, चाँदी जैसे, मंदिर और प्राचीन आभूषण, झुमके और हार शामिल हैं।

उच्च गुणवत्ता वाले कृत्रिम गहनों में थोड़ी मात्रा में चाँदी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। दरीबा के एक अन्य दुकानदार शिवम बताते हैं कि फैशन भी काफ़ी लोकप्रिय है। नीता अंबानी द्वारा अपने बेटे अनंत अंबानी की शादी में पहने गए ज्वेलरी सेट की प्रतिकृतियाँ अभी भी माँग में हैं। मीनाकारी और मोतियों की चेन, अमेरिकी हीरे के कंगन, मनके और पोल्की डिज़ाइन, और कुंदन और मीनाकारी सेट भी आकर्षक हैं।

दरीबा 400 साल से भी ज़्यादा पुराना एक आभूषण बाज़ार है, जहाँ कृत्रिम गहनों की बिक्री तेज़ी से बढ़ी है। कई नए प्रतिष्ठान खुल रहे हैं। वर्तमान में, लगभग 400 कृत्रिम गहनों के शोरूम हैं। इसी तरह, सदर बाज़ार में 20 से ज़्यादा थोक दुकानें हैं। यहाँ गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और अन्य राज्यों से तैयार आभूषण आते हैं। दिल्ली में भी इनका निर्माण शुरू हो गया है।

फेडरेशन ऑफ सदर बाज़ार ट्रेडर्स एसोसिएशन के महासचिव राजेंद्र शर्मा के अनुसार, दिल्ली में शादियाँ अब घर से दूर, या तो दिल्ली की सीमा के भीतर या गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद के बैंक्वेट हॉल और होटलों में हो रही हैं। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्य भी लोकप्रिय डेस्टिनेशन वेडिंग डेस्टिनेशन बन गए हैं। वहाँ असली आभूषण ले जाना सुरक्षित नहीं है। नतीजतन, महिलाएँ और युवतियाँ कृत्रिम आभूषणों को तेज़ी से अपना रही हैं।
like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

710K

Credits

Forum Veteran

Credits
74997