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यूपी पंचायत चुनाव के जरिए 2027 को टारगेट कर मैदान में उतर रहे राजनीतिक दल, SIR की करेंगे निगरानी

cy520520 1 hour(s) ago views 604

  

रणनीति संग मैदान में राजनीतिक दल।



राज्य ब्यूरो, लखनऊ। वर्ष 2027 के विधान सभा चुनावों के लिए तैयारी में जुटे राजनीतिक दल भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य में 22 वर्ष बाद कराए जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर भी सतर्क हैं। दलों ने प्रक्रिया की निगरानी और अपनी भागीदारी के लिए रणनीति तैयार कर काम शुरु कर दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

भाजपा, त्रिस्तरीय निगरानी के लिए मंडल, विधान सभा क्षेत्र व प्रदेश स्तर पर अलग-अलग वार रूम बनाने जा रही है। इनके जरिए पार्टी अपनी बूथ समितियों से हर दिन रिपोर्ट लेगी कि बीएलओ के साथ मिलकर कितने फर्जी मतदाताओं को चिह्नित किया और कितने पात्रों के नाम जुड़वाने की पहल की।

वहीं, सपा ने बूथों पर बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) तैनात कर उनको पीडीए प्रहरी नाम दिया है। ये प्रक्रिया की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे। वहीं बसपा ने भी अपने कार्यकर्ताओं को अधिक से अधिक वोट बढ़ाने का जिम्मा सौंप दिया है।

एसआईआर डुप्लीकेट व फर्जी मतदाताओं के नाम हटाने व साफ-सुथरी मतदाता सूची बनाने के लिए किया जा रहा हैं। भाजपा ने अभियान पर रियल टाइम निगरानी का निर्णय लिया है। प्रत्येक वार रूम में 10-10 लोगों को नियुक्त होंगे।

भाजपा के बीएलए हर दिन बीएलओ के साथ मिलकर डुप्लीकेट और फर्जी मतदाताओं को सूची से हटवाने का प्रयास करेंगे। घर-घर दस्तक देंगे, मतदाता सूची से जुड़े नियमों की जानकारी देंगे और पात्र लोगों का नाम जुड़वाकर पार्टी से जोड़ने का प्रयास करेंगे।

भाजपा के प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह का कहना है कि हमारा लक्ष्य फर्जी व डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटवाना और पात्रों का जुड़वाना है। सभी जिलों और मंडलों के पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि हर चरण की प्रगति की रिपोर्ट सीधे प्रदेश नेतृत्व को भेजी जाए।

दूसरी तरफ प्रक्रिया पर लगातार सवाल उठा रहे सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एसआइआर की घोषणा के बाद ही पीडीए प्रहरियों बनाने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद हर जिले में तेजी से यह काम हो रहा हैं। प्रहरियों को उनकी जिम्मेदारी समझाई जा रही है। वे बूथ स्तर पर यह देखेंगे कि मतदाताओं का नाम गलत तरीके से न काटा जाए। साथ ही नये और छूटे मतदाताओं के नाम जुड़वाएंगे।

नाम कटने से संबंधित मामलों का रिकॉर्ड भी तैयार किया जाएगा। पार्टी के वर्तमान और पूर्व जनप्रतिनिधि व जिला संगठन सहयोग करेगा और प्रहरियों की सक्रियता की भी निगरानी करेगा। प्रहरियों की सहायता के लिए प्रदेश संगठन के स्तर पर हेल्पलाइन भी शुरू की जाएगी।

वहीं, बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती पिछले दिनों बैठक कर नेताओं-कार्यकर्ताओं को एसआइआर में सक्रियता भागीदारी के निर्देश दे चुकी है। पार्टी ने बीएलए बनाने के साथ हर बूथ पर छह कार्यकर्ताओं की टीम बनाई है।

ये टीम चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के हिसाब से पुनरीक्षण में ज्यादा से ज्यादा लोगों के नाम जुड़वाने के लिए काम करेंगे। इस दाैरान लोगों को पार्टी नीतियों की भी जानकारी दी जाएगी। सेक्टर अध्यक्ष और जिला स्तरीय पदाधिकारियों द्वारा इन टीमों की निगरानी कर रिपोर्ट हाईकमान को भेजी जाएगी।

कांग्रेस भी एसआईआर की निगरानी के लिए बीएलए-वन की तैनाती की प्रक्रिया में जुटी है। 15 से 20 बूथों पर एक मंडल का गठन किया है। आठ हजार मंडल अध्यक्ष, सरकारी बीएलओ के साथ भौतिक सत्यापन के दौरान मौजूद रहेंगे। वार रूम के माध्यम से टास्क फोर्स बनाकर एसआईआर की पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने और मतदाताओं के नामों को जुड़वाने का काम किया जाएगा।

वाररूम के प्रभारी संजय दीक्षित ने बताया कि सभी जिलों में कुल 134 बीएलए-वन के एथार्टी लेटर डीएम कार्यालय में जमा कर दिए गए हैं। एक सप्ताह में 1.62 लाख बूथों पर बीएलए-टू की सूची तैयार कर जिला निर्वाचन कार्यालयों को सौंप दी जाएगी।
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