क्लाउड सीडिंग। (प्रतीकात्मक)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन ने रविवार को कहा कि राजधानी दिल्ली में हाल ही में किए गए क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम वर्षा) परीक्षण पूरी तरह से प्रयोग थे। इस तरह के परीक्षण बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। इन प्रयोगों के दौरान सफलता और असफलता दोनों की ही संभावना रहती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गौरतलब है कि पिछले महीने दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण संकट को कम करने के लिए आइआइटी कानपुर के सहयोग से राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में क्लाउड सीडिंग परीक्षण किए थे।
प्रयोगों के दोनों प्रकार के परिणाम हो सकते हैं - विफलता या सफलता
क्लाउड सीडिंग परीक्षणों से संबंधित प्रश्न के उत्तर में रविचंद्रन ने कहा, हर कोई कोशिशें कर रहा है - विश्वविद्यालय कोशिश कर रहे हैं, कुछ संस्थान कोशिश कर रहे हैं। ऐसे प्रयोगों और परीक्षणों से ही हमें जानकारी मिलेगी। यह विशुद्ध रूप से प्रयोग था। प्रयोगों के दोनों प्रकार के परिणाम हो सकते हैं - विफलता या सफलता। इसका मतलब यह नहीं है कि हमें प्रयोगों से बचना चाहिए।
जहां तक क्लाउड सीडिंग का सवाल है, इसे क्रियान्वित करने से पहले इसके बारे में और अधिक समझने की जरूरत है। यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसे प्रयोग करने से पहले कोई नीति होनी चाहिए, उन्होंने कहा कि नया ज्ञान और प्रौद्योगिकी भले ही असफल हो जाए, लेकिन इससे भविष्य के शोध कार्यों के लिए ज्ञान और जानकारी मिलती है।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ) |