जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। सीलमपुर में बृहस्पतिवार देर रात गैंगवार में कुख्यात गैंग्स्टर हाशिम उर्फ बाबा गिरोह के शूटर मिस्बाह की गोली मारकर हत्या करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने वारदात के 24 घंटे के अंदर दो बदमाश प्रिंस गाजी व अबदुल्ला को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें प्रिंस को स्पेशल सेल व प्रिंस गाजी को सीलमपुर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दोनों हाशिम बाबा के विरोधी छेनू पहलवान गिरोह के बदमाश हैं। यमुनापार में लंबे समय से हाशिम बाबा व छेनू पहलवान के बीच वर्चस्व को लेकर झगड़ा चल रहा है। जिससे गैंगवार में दोनों ही गिराेहों के दर्जनों बदमाशों की हत्या हो चूकी है।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक प्रिंस गाजी, छेनू पहलवान का रिश्तेदार है। मंडोली जेल में बंद छेनू ने कुछ समय पहले प्रिंस गाजी को अपने गिरोह में भर्ती किया। अबदुल्ला भी छेनू का रिश्तेदार ही बताया जा रहा है। छेनू के जेल में बंद होने के कारण उसका भाई रिजवान इन दिनाें गिरोह को आपरेट कर रहा है। उसपर कई मुकदमे है। इस घटना के बाद रिजवान भूमिगत हो गया है। रिजवान एक पैर से विकलांग है वह बैसाखी से चलता है। वह एक बड़ी राजनीतिक पार्टी से जुड़ा है। इसकी पत्नी कुछ साल पहले उस राजनीतिक पार्टी से निगम चुनाव भी लड़ चुकी है।
डीसीपी आशीष मिश्रा के मुताबिक अब्दुल्ला के पास से एक अर्ध-स्वचालित पिस्टल और दो कारतूस बरामद किए गए हैं। एसीपी विक्रमजीत सिंह विर्क व सीलमपुर के थाना प्रभारी पंकज कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने शुक्रवार रात अब्दुल्ला को गिरफ्तार किया। वह न्यू सीलमपुर का रहने वाला है।
उसके खिलाफ हत्या के प्रयास, गोलीबारी और आर्म्स एक्ट के पहले के तीन मामले दर्ज हैं। पुलिस अब फरार तीसरे बदमाश की भी तलाश में छापेमारी कर रही है। मिस्बाह वेलकम में जुलाई 2023 में हुए दोहरे हत्याकांड में गत जुलाई में जमानत पर बाहर आया था। उसपर लूट, हत्या समेत सात मुकदमे दर्ज हैं। वह परिवार के साथ जाफराबाद में रहता था।
बृहस्पतिवार रात 10.40 बजे सीलमपुर में जामा मस्जिद के पास छेनू पहलवान गिरोह के तीन बदमाशाें ने मिस्बाह को घेर कर उसपर 25 गाेलियां चलाई। मिस्बाह को 15 गोलियां लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मिस्बाह पहले छेनू के लिए काम करता था। छेनू के रिश्तेदार मुमताज के भतीजे शब्बू के साथ मिलकर मिस्बाह ने 2023 में हाशिम गिरोह के दो बदमाशों की हत्या कर दी थी।
उस मामले में जेल जाने के बाद दोनों ने बाद में हाशिम बाबा गिरोह का दामन थाम लिया था। यह बात छेनू गिरोह को नागवार गुजरी। गत जुलाई में मिस्बाह जब जेल से बाहर आया तभी से छेनू के बदमाश उसे ढूंढ रहे थे। बृहस्पतिवार रात मिस्बाह कार से छेनू के घर के पास गया था तभी प्रिंस गाजी, गनी व अब्दुल्ला ने उसे घेर कर हत्या कर दी।
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