RSS के स्वयंसेवक भी करेंगे एसआइआर में सहयोग, मोहन भागवत ने दिया आदेश

Chikheang 2025-11-1 12:37:25 views 738
  

RSS के स्वयंसेवक भी करेंगे एसआइआर में सहयोग, मोहन भागवत ने दिया आदेश  (फाइल फोटो)



जेएनएन, जबलपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में दूसरे दिन देश के विभिन्न राज्यों में शुरू हुए विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआइआर) अभियान में सहयोग करने पर चर्चा हुई।

राष्ट्रहित से जुड़े मुद्दे पर स्वयंसेवकों को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने को कहा गया ताकि घुसपैठियों की पहचान उजागर हो सके। खासतौर पर रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर संघ चिंतित है। शुक्रवार को बैठक तीन सत्रों में हुई, जिसमें पंच परिवर्तन के विषयों समेत जनसंख्या असंतुलन, गो हत्या जैसे मामलों पर बात की गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

बैठक में सरसंघचालक डा. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले की मौजूदगी में प्रस्तावों पर चर्चा हुई। संघ ने साफ किया कि पंच परिवर्तन का विषय व्यापक है, जिसका कार्य होना है। इसके जरिए मजबूत राष्ट्र और समाज का निर्माण संभव है। पंच परिवर्तन के पांच आयाम के बल पर समाज में सकारात्मक और स्थायी बदलाव संभव है।

बैठक में सरकार्यवाह द्वारा श्री गुरुतेगबहादुर के 350वें बलिदान दिवस और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर वक्तव्य जारी किए गए।स्वदेशी पर दें जोरराष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए संघ ने पंच परिवर्तन के चौथे मूल स्व-भाव जागरण के तहत विशेष अभियान चलाने पर जोर दिया। प्रस्ताव में तय हुआ कि स्वदेशी उत्पादों को गौरव से जोड़कर लोगों को भी प्रेरित किया जाए ताकि देश का पैसा देश में रहे।
ये हैं पंच परिवर्तन के मूल

सामाजिक समरसता: मंदिर, श्मशान और जलस्त्रोत जैसे सार्वजनिक स्थान सभी के लिए समान हों। जाति और भेदभाव की दीवारों को मिटाकर, समाज को एक परिवार के रूप में जोड़ना ही इसका मुख्य लक्ष्य है।

कुटुंब प्रबोधन: व्यस्त जिंदगी में परिवार टूट रहे हैं। संघ चाहता है कि परिवारों में मूल्य आधारित जीवन, आपसी सम्मान और संवाद कायम रहे, ताकि अगली पीढ़ी को अच्छे संस्कार मिलें।

पर्यावरण संरक्षण: पौधारोपण, जल संरक्षण और प्लास्टिक के कम उपयोग जैसी पहल को बढ़ावा देना। लक्ष्य है हर व्यक्ति में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी और प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता पैदा करना।

स्व-भाव जागरण: लोग आत्मनिर्भर बनें और भारतीय संस्कृति पर गर्व करें। विदेशी प्रभाव से हटकर देशी उत्पादों को अपनाना और अपनी परंपराओं को सम्मान देना ही सच्चा राष्ट्र गौरव है।

नागरिक कर्तव्य: कर भुगतान, सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा और स्वच्छता जैसे कर्तव्यों पर जोर दिया गया है। संघ का मानना है कि देश तब आगे बढ़ता है जब हर नागरिक अपने कर्तव्य को समझकर निभाता है।
like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments
Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1410K

Credits

Forum Veteran

Credits
142684

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com