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रांची में विवाद के बाद दुर्गापूजा पंडाल से हटाई गईं मरियम-ईसा की तस्वीरें, श्रीकृष्ण और रामचंद्र जी बढ़ा रहे शोभा_deltin51

cy520520 2025-9-27 08:35:54 views 1262

  वेटिकन सिटी की थीम पर पंडाल बनने से विवाद। (जागरण)





जागरण संवाददाता, रांची। रांची के रातू रोड में दुर्गापूजा पंडाल को वेटिकन सिटी के प्रारूप में बनाए जाने को लेकर हुए विवाद के बाद आरआर स्पोर्टिंग क्लब के आयोजकों ने पंडाल की भीतरी दीवारों से ईसा मसीह, मरियम तथा ईसाई धर्म के प्रतीकों से जुड़ी तस्वीरें हटा दीं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

अब उनकी जागह राम, कृष्ण व अन्य हिंदू देवी-देवताओं के चित्र लगाए गए हैं। पंडाल के शीर्ष पर लगाए जाने वाले क्रूस को आयोजकों ने पहले ही उतार लिया था। हालांकि पंडाल के बाहरी और ऊपरी हिस्से में पोप समेत अन्य ईसाई धर्मगुरुओं की मूर्तियां अब भी लगी हुई हैं।



  

कृष्ण जी की लगाई गई तस्वीर।
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता बिनोद बंसल ने जताई आपत्ति

हिंदू सगंठनों ने दुर्गापूजा पंडाल को वेटिकन सिटी का रूप दिए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई थी। उधर, पंडाल में बदलाव को विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता बिनोद बंसल ने अपर्याप्त बताया और एक्स पर पोस्ट कर सवाल उठाए कि क्या मां दुर्गा की पूजा करने के लिए इस पंडाल में पोप और यीशु के नीचे से गुजरना पड़ेगा।



क्या दुर्गा माता के भक्त इसे स्वीकार करेंगे। उन्होंने आगे लिखा कि यह कैसा दुर्भाग्य है कि मां दुर्गा के इस देश में एक ओर बंगाल में भारतीय सेना के शौर्य के प्रतीक ऑपरेशन सिंदूर की थीम वाला मां दुर्गा का पूजा पंडाल सरकार द्वारा हटा दिया गया, वहीं झारखंड की राजधानी रांची में ईसाई मत के प्रचार के लिए दुर्गापूजा पंडाल को ही चर्च और वेटिकन सिटी का रूप दे दिया गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह राज्य के भोले-भाले जनजातीय समाज तथा अन्य हिंदुओं को फांसने का षडयंत्र है। उन्होंने कहा कि क्या हिंदुओं को मां दुर्गा की पूजा के लिए अब वेटिकन जाना पड़ेगा। क्या भारत में इससे सुंदर थीम के भवन नहीं हैं। साथ ही यह भी सवाल उठाया कि क्या किसी अन्य धर्म के पूजा व प्रार्थना स्थल का प्रारूप हिंदू मंदिरों की तरह बनाया जा सकता है।

Hydrogen Highway, nitin gadkari   

  

पंडाल का बदला गया स्परूप।

फिलहाल पंडाल के बदले स्वरूप से हिंदू श्रद्धालुओं की नाराजगी कुछ हद तक अवश्य दूर हो गई है। आरआर स्पोर्टिंग क्लब के संचालक विक्की यादव का कहना है कि उनका उद्देश्य किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाना नहीं है, बल्कि सामाजिक सौहार्द के तौर पर इस पंडाल को बनाया गया था।



हर साल हम अलग-अलग थीम पर पंडाल का निर्माण करते हैं, और इस बार भी कुछ नया सोचकर ही किया गया था। यदि हमें पता होता कि इसका विरोध होगा, तो हम ऐसा प्रारूप नहीं बनाते।

पंडाल में कई बदलाव किए गए हैं। पंडाल के भीतरी भाग में भगवान कृष्ण की अलग-अलग मुद्राओं की छवियां प्रदर्शित की गई हैं, जिनमें वह बांसुरी बजाते, विराट रूप में और मटकी से दही खाते नजर आ रहे हैं।


आरआर स्पोर्टिग क्लब दुर्गा पूजा पंडाल के प्रारूप बनाने और उसमें ईसा मसीह तथा मरियम की तस्वीर लगाने पर कड़ा विरोध किया। हम सनातनी लोग मां दुर्गा की पूजा पूरी आस्था, श्रद्धा और विश्वास से करते हैं लेकिन कुछ शरारती और धर्मविरोधी षड्यंत्रकारियों ने हमारे आस्था और विश्वास पर कुठाराघात किया है। - अमृतेश पाठक, अध्यक्ष, राष्ट्र धर्म रक्षा मंच, रांची।



हम सनातनी हैं। मैं तो इस पूजा पंडाल में नहीं जाऊंगा। आखिर, क्या मजबूरी थी कि इस तरह का पंडाल बनाया गया। क्या आप किसी और संप्रदाय से ऐसा उम्मीद कर सकते हैं? क्या बड़ा दिन के अवसर पर हिंदू प्रतीकों को चर्च में देख सकते हैं? कुछ लोग कह रहे हैं कि यह प्रचार के लिए किया गया है? यदि ऐसा है तो यह और भी गलत है। ऐसी मानसिकता नहीं होनी चाहिए। यह पूजा के नाम पर पाखंड है। - सीपी सिंह, भाजपा विधायक, रांची



यह भी पढ़ें- दुर्गा पूजा पंडाल है या चर्च? रांची में शुरू हुआ नया विवाद, भड़के हिंदू संगठन


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