राइस मिलों की जियो टैगिंग शुरू होने से कृषकों के पंजीयन पर जोर।
संवाद सूत्र, अंबेडकरनगर। समय-समय पर अच्छी बारिश होने से धान की फसल को संजीवनी मिल गई है। अब हर क्षेत्र में अच्छी उपज किसानों को मिलने का कयास लगाया जा रहा है। कृषकों को धान का अच्छा मूल्य मिले और उन्हें भाग-दौड़ न लगानी पड़े, इसलिए जिले में 90 केंद्र बना दिए गए हैं। पहली नवंबर से खरीद शुरू होगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
खरीद प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए राइस मिलों की जियो टैगिंग प्रक्रिया शुरू करा दी गई है। साथ ही किसानों का पंजीयन भी तेजी से हो रहा है और तहसील स्तर से सत्यापन भी चल रहा है।
धान की बिक्री के लिए किसानों का पंजीयन अनिवार्य है। किसान खतौनी, बैंक पासबुक, आधार कार्ड संख्या व मोबाइल नंबर आदि खाद्य विपणन विभाग के पोर्टल पर फीड कर पंजीयन करा सकते हैं। 27 सितंबर तक 541 किसानों से पंजीयन करा चुके हैं। पंजीयन के पश्चात सत्यापन भी तहसील स्तर से किया जाएगा।hapur-city-general,Bhakiyu Janshakti protest,farmer issues Hapur,tehsil corruption allegations,land record errors,flood compensation demand,road repair request,stray cattle problem,government tap repair,Hapur farmer protest,Uttar Pradesh news
वहीं, धान कुटाई के लिए राइस मिलों का सत्यापन व जियो टैगिंग प्रारंभ कर दी गई है। इस दौरान मिलों का जियो टैगिंग, केंद्रों का जियो टैगिंग, भार वाहनों पर जीपीएस प्रणाली से युक्त किया जा रहा है।
मिल से गोदाम तक चावल और केंद्र से राइस मिल तक धान पहुंचाने वाले भार वाहनों पर जीपीएस प्रणाली से लैस किया जाएगा। इस वर्ष धान का समर्थन मूल्य सामान्य का 2,369 एवं ग्रेड-ए 2,389 रुपये निर्धारित किया गया है।
धान खरीद की तैयारी तेज कर दी गई है। केंद्र निर्धारण के बाद मिलों की जियो टैगिंग व कृषक पंजीयन हो रहा है। खरीद में छोटे व महिला किसानों को वरीयता मिलेगी और आवश्यकता होने पर केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। -संतोष कुमार द्विवेदी, जिला खाद्य विपणन अधिकारी।
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