Bihar Politics: बाहुबलियों के साये में बिहार की सियासत, क्या जाति से ऊपर उठकर अपराध को नकारेगा वोटर?

deltin33 2025-10-31 18:07:13 views 663
  

बाहुबलियों के साये में बिहार की सियासत। (जागरण)



डिजिटल डेस्क, पटना। मोकामा हत्याकांड के बाद बिहार विधानसभा चुनावों में एक बार फिर अपराध और अपराधियों को टिकट दिए जाने का मुद्दा गरमा गया है। पटना से किशनगंज तक विभिन्न दलों ने अपराधियों व उसके परिजनों को जम कर टिकट बांटे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह का दीपावली पर दिया गया एक बयान, जिसमें उन्होंने बिहार की जनता से जात-पात से ऊपर उठकर अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ वोट करने की अपील की थी, अब मोकामा हत्याकांड के बाद और भी महत्वपूर्ण हो गया है।

आरके सिंह ने अपनी अपील में कहा था कि मेरा निवेदन है कि किसी भी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अथवा भ्रष्ट व्यक्ति को वोट न दें, भले ही वह आपकी जाति का ही क्यों न हो। उन्होंने यहां तक कहा कि यदि सभी प्रत्याशी भ्रष्ट या आपराधिक प्रकृति के हैं, तो नोटा (NOTA) का उपयोग करें, क्योंकि इन लोगों को वोट करने से बेहतर होगा चुल्लू भर पानी में डूब मरना।
आरके सिंह ने गिनाए बाहुबली प्रत्याशी

आरके सिंह ने NDA और RJD दोनों गठबंधनों के कई प्रत्याशियों पर गंभीर आरोप लगाए, जो बिहार की राजनीति में बाहुबल के गहरे पैठ को दर्शाते हैं।

मोकामा: NDA के अनंत सिंह और RJD के सूरजभान सिंह की पत्नी। सिंह ने अनंत सिंह को 1985 के दिनों का उपद्रवी बताया, जबकि सूरजभान सिंह को बिहार का \“नंबर 1 डॉन\“ कहा, जिसे गृह सचिव रहते हुए उन्होंने गिरफ्तार करने का आदेश दिया था।

नवादा: NDA प्रत्याशी राजबल्लभ यादव की पत्नी (बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के लिए POCSO एक्ट के आरोपी)।

रघुनाथपुर: RJD प्रत्याशी शाहबुद्दीन के बेटे ओसामा।

तारापुर (NDA), जगदीशपुर (NDA), और सन्देश (NDA व RJD): यहां भी प्रत्याशियों पर हत्या, नरसंहार, बालू माफिया होने और POCSO एक्ट जैसे गंभीर आरोप लगाए गए।
मोकामा हत्याकांड ने बढ़ाई चिंता

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक पुष्यमित्र के अनुसार, “इस मुद्दाविहीन चुनाव में कहीं अंदरखाने में अपराध और दबंगई दहक ही रही थी।“ उनका मानना है कि हाल ही में हुई मोकामा की घटना ने इस मुद्दे को और भी गंभीर बना दिया है।
राजनीतिक दलों का दोहरा रवैया

पुष्यमित्र ने राजनीतिक दलों की आलोचना करते हुए कहा कि वे अपराध के खिलाफ \“वेद वचन\“ कहते हैं, लेकिन टिकट देने में अपराधियों से परहेज नहीं किया और संकोच तक नहीं किया। उन्होंने कहा कि किसी को अपराधियों से परहेज नहीं है। इसलिए सलेक्टिव विरोध का भी कोई मतलब नहीं है।
पुलिस-प्रशासन पर सवाल

मोकामा हत्याकांड ने पुलिस-प्रशासन और चुनाव आयोग पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं कि बाहुबलियों के प्रभाव वाले क्षेत्रों में हिंसा रहित चुनाव कैसे सुनिश्चित किए जाएंगे।

सोशल मीडिया पर लोग आरके सिंह के बयान को साझा कर रहे हैं और गुस्से में हैं। यह चुनाव आयोग के लिए हिंसा रहित और निष्पक्ष चुनाव कराने की एक बड़ी चुनौती भी है।

वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद मुकेश कहते हैं कि बिहार में चुनावी इतिहास पहले भी रक्त रंजित रहा है। बड़ा सवाल यही है कि क्या इस बार बिहार का वोटर जात-पात के बंधन को तोड़कर, अपने और अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए अपराध और भ्रष्टाचार से मुक्त सरकार के लिए वोट करेगा?

यह भी पढ़ें- Bihar Assembly Election 2025: त्रिकोणीय संघर्ष में फंसी परिवहन मंत्री शीला मंडल की सीट
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments
deltin33

He hasn't introduced himself yet.

1210K

Threads

0

Posts

3710K

Credits

administrator

Credits
376122

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.