cy520520 • 2025-10-12 08:05:55 • views 533
CM नायब सिंह सैनी ने रोहतक एसपी को पद से हटाया।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के आइपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार के आत्महत्या प्रकरण की गुत्थी सुलझाने में जुटी प्रदेश सरकार शनिवार को मंत्रिमंडल की बैठक नहीं कर पाई। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने परिवार की मांग के अनुरूप रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजराणिया को उनके मौजूदा पद से हटा दिया, लेकिन डीजीपी शत्रुजीत कपूर को लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। मंत्रिमंडल की बैठक अब रविवार को सुबह नौ बजे बुलाई गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुख्यमंत्री ने पूरन कुमार की आइएएस पत्नी अमनीत पी. कुमार से मुलाकात के बाद कहा कि दोषी कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, उसके विरुद्ध दोष साबित होने पर कड़ी कार्रवाई होगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी राज्य सरकार को मामले में त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।हरियाणा भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की पंचकूला में हुई बैठक में दिवंगत आइपीएस अधिकारी को श्रद्धांजलि दी गई।
बैठक में मुख्यमंत्री ने आइपीएस के परिवार को भरोसा दिलाया कि वह जिस तरह की जांच चाहेगा, उसी तरह की जांच राज्य सरकार कराएगी। कहा कि चंडीगढ़ पुलिस द्वारा मामले में एसआइटी का गठन किया गया है। दूसरी ओर अमनीत और अनुसूचित जाति के कई आइपीएस व आइएएस अधिकारी सरकार पर डीजीपी को भी पद से हटाने तथा दोनों अधिकारियों के विरुद्ध नामजद एफआइआर दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग पर अड़े हैं।
बीच का रास्ता निकालने में जुटी प्रदेश सरकार
हरियाणा सरकार के सामने संकट यह है कि एफआइआर में 14 रिटायर्ड व मौजूदा अधिकारियों के नाम हैं। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी के नाम का भी जिक्र है। ऐसे में यदि परिवार की मांग के हिसाब से सभी अधिकारियों के विरुद्ध चंडीगढ़ के सेक्टर-11 थाने में नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई तो अफसरशाही में विद्रोह पैदा हो सकता है। इसलिए सरकार बीच का रास्ता निकालने के प्रयासों में जुटी है। रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजराणिया को अभी कोई नई पोस्टिंग नहीं दी गई है, लेकिन उनके स्थान पर आइपीएस सुरेंद्र भौरिया को रोहतक का नया पुलिस अधीक्षक बनाया गया है।
इस बीच रोहतक में कुछ दलित संगठनों ने नरेंद्र बिजराणिया के निवास के बाहर प्रदर्शन किया। चर्चा है कि डीजीपी शत्रुजीत कपूर को बदलकर उनके स्थान पर आलोक मित्तल अथवा ओपी सिंह को कार्यवाहक डीजीपी बनाया जा सकता है। कहा जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के विदेश दौरे से आने के बाद ही शत्रुजीत कपूर को लेकर कोई ठोस नतीजे पर पहुंचा जा सकेगा।
पुलिस की लापरवाही के कारण पांचवें दिन भी नहीं हुआ पोस्टमार्टम
वहीं, आइपीएस के शव का पांचवें दिन भी पोस्टमार्टम नहीं हो सका। शनिवार को यह प्रक्रिया पुलिस की लापरवाही और गलतफहमी के कारण अधर में लटकी रही। अमनीत और परिवार के अन्य सदस्यों ने आरोप लगाया कि उनकी अनुमति के बिना शव को सेक्टर-16 अस्पताल की मार्चरी से निकालकर पीजीआइ की मार्चरी में रखवा दिया गया। सूत्रों के अनुसार शुक्रवार रात को परिवार और पुलिस अधिकारियों के बीच बातचीत हुई थी।
परिवार ने कहा था कि बच्चे शनिवार सुबह शव के अंतिम दर्शन करेंगे। पुलिस ने इस बात को यह समझ लिया कि परिवार पोस्टमार्टम के लिए भी सहमत हो गया है। सुबह पुलिस टीम सुबह सेक्टर-16 अस्पताल पहुंची और शव को एंबुलेंस से पीजीआइ की मार्चरी में रखवा दिया। परिजनों को इस बारे में जानकारी नहीं दी गई। जब परिवार के सदस्य अंतिम दर्शन की तैयारी कर रहे थे, तभी उन्हें सूचना मिली कि शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जा चुका है। इससे परिवार भड़क गया।
परिवार ने उठाए सवाल, जताया संदेह
परिवार ने कहा कि उनकी अनुमति के बिना शव को स्थानांतरित करना कानूनन गलत है। परिजनों ने आला अधिकारियों से यह भी पूछा कि शव को पीजीआइ तक किस मार्ग से ले जाया गया। परिवार ने इस पूरी प्रक्रिया पर संदेह जताया है और रूट प्लान की मांग की है। ..बाक्सपोस्टमार्टम और संस्कार के लिए मनाने में जुटी सरकारमुख्यमंत्री ने पार्टी के दलित नेताओं व मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों को पूरन कुमार के परिवार को पोस्टमार्टम व अंतिम संस्कार के लिए राजी करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
हरियाणा के कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार और कृष्ण कुमार बेदी शनिवार को पूरे दिन आइपीएस के घर डेरा डाले रहे। बेदी ने कहा कि यह मामला असमान्य घटनाक्रम है। परिवार को पोस्टमार्टम के लिए मनाया जा रहा है। परिवार की सहमति के बगैर कुछ नहीं किया जाएगा। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, गृह सचिव डा. सुमिता मिश्रा और मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर भी अमनीत को मनाने में जुटे रहे।
हरियाणा सरकार के वरिष्ठ मंत्री अनिल विज परिवार को सांत्वना देने पहुंचे। इस बीच चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक सागरप्रीत हुड्डा ने भी अमनीत पी कुमार से मुलाकात की। सागरप्रीत की बातचीत के बावजूद परिवार ने अभी तक दर्ज की गई एफआइआर पर संतुष्टि नहीं जताई है। परिवार एफआइआर में संशोधन की मांग पर अड़ा है। |
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