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मां ने रुपये ऐंठने के लिए रची खौफनाक साजिश, पति को बेटी का दुष्कर्मी बनाया... ऐसे खुल गया सारा खेल

cy520520 4 day(s) ago views 503

  



जागरण संवाददाता, आगरा। रुपये ऐंठने के लिए महिला ने पति को अपनी ही बेटी से दुष्कर्म के आरोप में जेल भिजवा दिया। पहले पति के साथ मिलकर रची इस साजिश का पर्दाफाश बेटी ने ही थाने पहुंचकर कर दिया।

इसके बाद बेटी ने कोर्ट में बयान के दौरान पिता पर लगाए गए आरोपों का खंडन कर दिया। साथ ही यह भी कहा कि मां ने जबरन उससे झूठे आरोप लगाने को कहा था। नाबालिग बेटी के बयान के बाद कोर्ट ने आरोपित को जेल से रिहा कर दिया। कोर्ट ने महिला पर कार्रवाई के लिए थाने से रिपोर्ट मांगी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

ट्रांस यमुना क्षेत्र में रहने वाले राजमिस्त्री ने बताया कि पांच वर्ष पहले उसकी पहचान फिरोजाबाद के नारखी की रहने वाली महिला से हुई थी। राजमिस्त्री भी मूल रूप से फिरोजाबाद के पचोखरा क्षेत्र का रहने वाला है। महिला की पहले शादी हो चुकी थी और दो बेटियां और बेटा था।

राजमिस्त्री से प्रेम संबंध के बाद दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली थी। ट्रांस यमुना क्षेत्र में किराए के मकान में दोनों परिवार के साथ रहने लगे। एक वर्ष पहले उन्होंने अपने खर्च पर बड़ी बेटी की शादी भी की थी। इसके बाद पत्नी के दिल में खोट आ गया। सात अक्टूबर को वह अपनी बहन के घर कार्यक्रम में जाने की बात कहकर घर से निकली।

वह बहन के घर जाने के बजाय अपने पूर्व पति के पास गई। दोनों ने राजमिस्त्री को फंसाकर रुपये ऐंठने के लिए साजिश रची। पहले गुपचुप घर आकर नाबालिग बेटी को कार में बैठाकर ले गई।

बेटी को जान से मारने की धमकी देकर डरा धमका कर उस पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाकर फिरोजाबाद के नारखी थाने में शिकायत कराई। पुलिस ने पाक्सो, मारपीट और दुष्कर्म की धाराओं में जीरो एफआईआर दर्ज कर ली। ट्रांस यमुना थाना पुलिस ने 17 अक्टूबर को उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

पिता के जेल जाने के बाद नाबालिग बेटी अपराध बोध से ग्रस्त होकर परेशान थी। किसी तरह मां की गिरफ्त से भागकर 27 अक्टूबर को थाने पहुंची और मामले की सच्चाई बताई। मेडिकल रिपोर्ट में भी दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई थी। 28 अक्टूबर को न्यायालय में बयान दर्ज कराने के दौरान बेटी अपने पिता को देखते ही रोने लगी।

न्यायालय को बताया कि मां ने दबाव डालकर झूठ बोलने को मजबूर किया था। पिता ने उसके साथ कभी गलत काम नहीं किया। कोर्ट के आदेश पर बुधवार को महिला के पति को जेल से रिहा कर दिया गया।

थानाध्यक्ष रोहित कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच के दौरान आरोपित को जेल भेजा गया था। नाबालिग के बयानों और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आरोप गलत निकले। एसएसआई सत्यपाल सिंह नागर की विवेचना में आए तथ्यों के आधार पर न्यायालय ने 12 दिन बाद बुधवार को आरोपित को रिहा करने के आदेश दिए।
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