प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। राजधानी में प्रदूषण कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा और ईवी चार्जिंग की संख्या बढ़ाने की योजना पर भी लगातार कार्य हो रहा है। दिल्ली सरकार वर्ष 2030 तक सार्वजनिक परिवहन के 80 प्रतिशत हिस्से को इलेक्ट्रिक करने के लक्ष्य पर कार्य कर रही है। यह बातें दिल्ली सरकार के समाज कल्याण एवं सहकारिता मंत्री रविन्द्र इन्द्राज ने बृहस्पतिवार को किलोकरी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की आठवीं महासभा में कहीं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने लगभग 40 देशों के प्रतिनिधियों के साथ किलोकरी में स्थापित दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी यूटिलिटी-स्केल स्टैंडअलोन बैटरी स्टोरेज सुविधा का निरीक्षण भी किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया का ग्रीन एनर्जी सेंटर बनाने की दिशा बढ़ रहा है। दिल्ली भी क्लीन और स्मार्ट ऊर्जा की तरफ अग्रसर है। रूफटाप सोलर की 250 मेगावाट से अधिक क्षमता अब तक विकसित हो चुकी है। वर्ष 2027 तक 500 मेगावाट क्षमता की तैयारी है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में करोड़ों परिवार रहते हैं, और गर्मियों में दिल्ली की अधिकतम बिजली मांग 8,000 मेगावाट से भी अधिक हो जाती है। इन चुनौतियों के बावजूद दिल्ली में बिजली की अच्छी व्यवस्था देना और गांवों के अंतिम छोर तक बिजली की व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में कार्य हो रहा है। दिल्ली के पास अन्य राज्यों के मुकाबले जमीन कम है, इसलिए यहां सोलर ऊर्जा और नई डिजिटल तकनीक से व्यवस्था मजबूत हो रही है।
समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि दिल्ली में डिजिटली इन्टेलिजेंट ऊर्जा सिस्टम को प्रोत्साहन मिल रहा है। उन्होंने बैटरी स्टोरेज, रूफटाॅप सोलर और स्मार्ट ग्रिड से जोड़ने से संबंधित बीएसईएस के कार्यों की सराहना भी की। उनके द्वारा स्थापित जनकपुरी का डिजिटल वितरण डिवीजन, अन्य प्रदेशों के लिए भी मानक है।
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