तेजस्वी यादव। ANI  
 
  
 
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। एनडीए के चुनावी मुद्दे अब उनके अंदाज में ही महागठबंधन के चुनावी मंच पर मुखर हो रहे। जिन बातों को एनडीए के लिए गेम चेंजर कहा जा रहा उसे महागठबंधन के नेता अपनी उपलब्धि के साथ चुनावी मंच पर ला रहे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस ब्रांड इमेज के साथ सक्रिय रहे हैं कि क्राइम (अपराध), करप्शन (भ्रष्टाचार) और कम्यूनलिज्म (सांप्रदायिकता) के प्रति उनकी जीरो टॉलरेंस की नीति रही है। एनडीए की चुनावी सभाओं में भी इस मुद्दे को उभारा जाता रहा है।  
 
अब महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के घोषित नेता तेजस्वी यादव इसे आगे कर रहे। अपनी चुनावी सभा में वह जोर देकर यह कह रहे कि अपराध, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता को वह कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।  
 
नीतीश कुमार का यह वक्तव्य भी खूब चर्चा में रहा है कि अपराधी चाहे कितना भी सरोकार वाला हो उसके खिलाफ हर हाल मेे विधि सम्मत कार्रवाई होगी, उसे छोड़ा नहीं जाएगा। तेजस्वी भी अपनी चुनावी सभाओं में इसी तर्ज कह रहे कि अपराधी चाहे घर का हो या फिर बाहर का उसे छोड़ेंगे नहीं।  
 
क्राइम, करप्शन और कम्यूनलिज्म के अलावा तीन-चार अन्य मुद्दे भी एनडीए और महागठबंधन के चुनावी मंच पर दौड़ रहे। नीतीश कुमार ने चुनाव के पहले सभी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 125 यूनिट मुफ्त बिजली का निर्णय लिया था।  
 
उन्होंने खुद इस बारे में लोगों को अपने एक्स हैंडल के माध्यम से जानकारी दी थी। एनडीए के चुनावी मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कई बार इसकी चर्चा की। यह कहा कि लोगों को इससे काफी सहूलियत हो रही। अब तेजस्वी यादव ने भी इस मुद्दे को उठा लिया है।  
 
वह कह रहे कि उन्होंने ही इस बारे में पहल की। हमने 200 यूनिट मुफ्त बिजली की बात कहनी शुरू की तो नीतीश कुमार ने चुनाव के पहले 125 यूनिट मुफ्त बिजली का निर्णय लिया। पहले उन्होंने इस पर क्यों नहीं निर्णय लिया। तेजस्वी इस निर्णय को अपनी जीत बता रहे चुनावी मंच पर।  
 
इसी तरह नीतीश कुमार ने चुनाव से पहले वृद्धजन पेंशन योजना की राशि 400 रुपए से बढ़ाकर 1100 रुपए किए जाने का निर्णय लिया था। इस निर्णय की पहली सूचना भी उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर दी। तेजस्वी ने अपनी चुनावी सभा में इस मुद्दे को भी उठाना शुरू किया है।  
 
वह यह कह रहे कि हमने ही यह तय किया था कि वृद्धजन पेंशन योजना की राशि बढ़ाएंगे। जिस समय यह योजना शुरू हुई थी तो 400 रुपए मिलते थे। बीच मे एक बार भी इस योजना के तहत वृद्धों को मिलने वाली राशि को कभी नहीं बढ़ाया गया। जब हमने इस बढ़ाने की बात करनी शुरू की तो इस राशि को बढ़ा दिया गया।  
 
इसी तरह जीविका दीदियों की बात भी महागठबंधन की चुनावी सभाओं आने लगी है। अब तक नीतीश कुमार ही जीविका दीदी की बात कर रहे थे। उनकी सहूलियत पर निर्णय लिया था।  
 
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