जागरण संवाददाता, मेरठ। मौसम में आए परिवर्तन से शहर की हवा में सांस लेना मुश्किल हो रहा है। 16 घंटे तक लगातार हवा बेहद खराब स्थिति में बनी रही। छठ के पर्व पर जब व्रती महिलाएं उगते हुए सूरज को अर्घ्य दे रही थी तो पूरा वातावरण स्माग की चपेट में था। गगोल तीर्थ और अन्य स्थानों पर जुटे भारी संख्या में श्रद्धालु के रोगी परेशान हैं और लोग खांसी और गले में जकड़न जैसी समस्याओं से परेशान हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पल्लवपुरम में सोमवार को रात आठ बजे से मंगलवार को दोपहर 12 बजे तक पीएम 2.5 की मात्रा 320 से 380 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर बनी रही। जयभीम नगर में भी यह हाल रहा। रात में तापमान गिरने से जलाशयों के आसपास और विषम स्थिति हो गई।
ओस की बूंदों के साथ प्रदूषण के अति सूक्ष्म कण चिपक स्माग का रूप ले लिया। धुंध के चलते दृश्यता भी कम रही। लोग खांसते नजर आए। मंगलवार को दिन में भी तापमान में गिरावट दर्ज की गई यह 27.6 डिग्री दर्ज किया गया और न्यूनतम तापमान 18.9 डिग्री सेल्सियस रहा। गढ़ रोड और दिल्ली रोड और शास्त्रीनगर में उखड़ी सड़कों की धूल गुबार बन कर छायी रही।
सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मौसम केंद्र प्रभारी डा. यूपी शाही ने बताया बंगाल की खाड़ी में डिप्रेशन बनने के कारण मौमस में बदलाव आया है। बादलों का निर्माण हुआ है लेकिन इनसे बरसात की संभावना बहुत कम है। बादलों के कारण प्रदूषित कण और गैसें वायुमंडल की निचली सतह पर बने हुए हैं। धुंध और स्माग की स्थिति 29 और 30 अक्टूबर को भी बनी रहने की आशंका है। |
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