राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बिहार की चुनावी रणक्षेत्र में सपा प्रमुख अखिलेश यादव एक नवंबर से प्रचार के लिए उतरेंगे। उनकी छह जनसभाओं की रूपरेखा बनाई जा रही है। इनमें से एक संयुक्त जनसभा होगी, जिसमें सपा प्रमुख, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाए गए तेजस्वी यादव के साथ मंच साझा करेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
अखिलेश यादव के भतीजे, करहल विधायक तेजप्रताप सिंह यादव, राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव के दामाद हैं। ऐसे में उनके लिए यह रिश्तेदारी निभाने का भी चुनाव है। प्रचार में सपा मुखिया की पत्नी डिंपल यादव भी शामिल होंगी। वहीं तेजप्रताप सिंह यादव गुरुवार से बिहार में डेरा डालेंगे।  
 
 
वर्ष 2020 की तरह इस बार भी सपा बिहार विधान सभा चुनाव नहीं लड़ रही है। चुनाव न लड़ने के पीछे अन्य कारणों के साथ लालू परिवार से रिश्तेदारी भी एक बड़ी वजह मानी जाती है। सपा प्रमुख ने बिहार चुनाव की घोषणा से पहले ही तेजस्वी यादव के समर्थन की घोषणा कर दी थी।  
 
हाल ही में सपा ने 20 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है, जिसमें सपा प्रमुख, उनकी पत्नी व भतीजे का नाम शामिल है। अब सपा प्रमुख जनसभाएं कर महागठबंधन के समर्थन में माहौल बनाएंगे। माना जा रहा है कि उनकी पहली जनसभा पूर्णिया या कटिहार में कराई जा सकती है।  
 
इनके अलावा सिवान, बक्सर, पूर्वी चंपारण, कैमूर, भागलपुर और पटना में भी सभाएं संभावित हैं। वहीं संयुक्त जनसभा पटना या गया में कराई जा सकती है। सभाओं के अलावा रोड शो कराने पर भी विचार हो रहा है। इनमें डिंपल यादव के शामिल होने की संभावना है।  
 
कार्यक्रमों को बुधवार को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। महागठबंधन की कोशिश सपा प्रमुख और अन्य नेताओं के माध्यम से अल्पसंख्यक और अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं में अपनी पकड़ को मजबूत करने की है। |