हौसले के दम पर अब जूडो में भी चमक बिखेरेंगी वैष्णवी, कुश्ती के विश्व चैंपियनशिप में जीत चुकी हैं रजत पदक

cy520520 2025-10-28 19:36:47 views 640
  

चार बार हो चुकी है घुटने की सर्जरी, फिर भी नहीं टूटा हाैसला



प्रभात कुमार पाठक, जागरण गोरखपुर। कहते हैं, असली खिलाड़ी वही होता है जो हार मानना नहीं जानता। हौसला हो तो मुश्किलें भी रास्ता बना देती हैं। शहर की बेटी वैष्णवी सिंह ने अपने जज्बे और मेहनत के दम पर एक बार फिर साबित किया है कि हार केवल सोच की होती है, हिम्मत की नहीं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

चार बार घुटनों की सर्जरी झेलने के बाद भी वैष्णवी ने न सिर्फ खेल से रिश्ता कायम रखा, बल्कि सितंबर में जूडो के लिए हुए चयन ट्रायल के दौरान अपने प्रदर्शन की बदौलत वह भारतीय टीम में जगह बनाने में सफल होकर यह साबित कर दिया है कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता।

एक साथ दो खेल जूडो व कुश्ती में अपनी चमक बिखेर रहीं वैष्णवी फिलहाल हरियाणा के रोहतक में कुश्ती का प्रशिक्षण ले रही हैं। उनका मानना है कि एक खिलाड़ी को हर स्थिति में खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करते रहना चाहिए। वे बताती है कि चोटों ने उन्हें कमजोर नहीं किया, बल्कि हर बार और मजबूत होकर मैदान में उतरने की प्रेरणा दी।

वह कहती हैं कि हर खिलाड़ी को सम्मान और प्रोत्साहन की जरूरत होती है। डाइट और ट्रेनिंग दोनों ही चुनौतीपूर्ण हैं, लेकिन परिवार का साथ मेरी सबसे बड़ी ताकत है। आज जो कुछ भी हूं, अपने माता-पिता की वजह से हूं। बचपन से ही खेलों के प्रति जुनूनी रही वैष्णवी ने विद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक कई राज्य व राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीते हैं।

हर चोट बनी चुनौती, हर जीत ने बढ़ाया हौसला

वैष्णवी के जीवन का सफर जितना कठिन रहा, उतना ही प्रेरक भी है। वर्ष 2021 में उन्हें घुटने की गंभीर चोट लगी, जिससे उनका करिअर लगभग रुक गया था। लेकिन कुछ ही महीनों में उन्होंने खुद को दोबारा खड़ा किया और राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शानदार वापसी की। वर्ष 2023 में दूसरी सर्जरी ने उनकी परीक्षा और कठिन बना दी, पर हौसला अडिग रहा। 2024 में जूनियर नेशनल में उन्होंने अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा और सीनियर नेशनल में स्वर्ण पदक जीतकर सबका दिल जीत लिया।

खेल से जुड़ा है पूरा परिवार
शहर के कूड़ाघाट स्थित झरना टोला की रहने वाली वैष्णवी की जड़ों में खेल रचा-बसा है। उनके पिता रमाशंकर सिंह राष्ट्रीय स्तर के पहलवान रह चुके हैं। वर्तमान में सीआरपीएफ में एसआइ के पद पर तैनात हैं। मां अर्चना सिंह भी बेटी की सबसे बड़ी प्रेरक और संबल हैं। परिवार के इसी खेल वातावरण का असर है कि उनके छोटे भाई गौरव और राज भी सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में नियमित अभ्यास कर पहलवानी के दांव-पेंच सीख रहे हैं।

कुश्ती के विश्व चैंपियनशिप में जीता था पदक
हाल में ही नई दिल्ली में डा.बीआर आंबेडकर नेशनल अवार्ड से सम्मानित वैष्णवी ने जून में कजाकिस्तान में हुए विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए रजत पदक हासिल किया था। अब वह भारतीय जूडो टीम में अपनी जगह पक्की कर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का दमखम दिखाने की तैयारी में हैं।

प्रमुख उपलब्धियां...

  • वर्ष 2018 में राष्ट्रीय अंडर-15 कुश्ती प्रतियोगिता में रजत पदक
  • वर्ष 2019 में स्कूल नेशनल गेम्स (अंडर-19) में रजत पदक
  • वर्ष 2019 में खेलो इंडिया में कांस्य पदक
  • वर्ष 2021 में उत्तर प्रदेश केसरी का खिताब
  • वर्ष 2022 में जूनियर नेशनल (जूडो) में कांस्य पदक
  • वर्ष 2022 व 2024 में महाराष्ट्र केसरी का खिताब
  • वर्ष 2024 में सीनियर नेशनल में स्वर्ण पदक
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
cy520520

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1310K

Credits

Forum Veteran

Credits
137330

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.