नई दिल्ली। दिवाली के खास मौके पर दैनिक जागरण बिजनेस पर खास इंटरव्यू में जाने-माने निवेशक विजय केडिया ने भारतीय शेयर बाजार और अर्थव्यवस्था को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। संवत 2082 के बारे में उन्होंने कहा कि यह साल निवेशकों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा है, जहां बहुत से लोगों ने पैसा गंवाया, जबकि कुछ ही लोग समझदारी से निवेश कर पाए और लाभ में रहे। उन्होंने चेताया कि 2021 से 2023 तक जो तेज़ी का दौर था, वह अब खत्म हो चुका है और बाजार अब साइडवेज या सिलेक्टिव मोड में चल रहा है। आने वाले 6-8 महीने बाजार के लिए उतार-चढ़ाव भरे रह सकते हैं, खासकर यह मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में देखने को मिलेगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
विजय केडिया ने गोल्ड और सिल्वर में चल रही तेजी को ‘फोमो’ (FOMO-Fear of Missing Out) बताया और कहा कि जब किसी चीज में अंधाधुंध भीड़ लगती है, तो वह टिकती नहीं है। उन्होंने उदाहरण देकर समझाया कि चांदी ने डॉलर टर्म्स में 40 साल में कोई खास रिटर्न नहीं दिया है। उन्होंने खुद भी गोल्ड बॉन्ड और सिल्वर ETF में निवेश किया है, लेकिन अब उसमें और निवेश करने की उनकी योजना नहीं है।  
 
डोमेस्टिक स्टोरीज की बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत को आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ना होगा और अपनी प्रोडक्ट-बेस्ड कंपनियों को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने टूरिज़्म और हॉस्पिटल सेक्टर को अगले दशक की सबसे मजबूत थीम बताया और कहा कि ये सेक्टर भारत की आर्थिक ग्रोथ में बड़ा योगदान दे सकते हैं। वहीं, पीएसयू बैंक उन्हें अभी भी आकर्षक वैल्यूएशन पर दिखते हैं, हालांकि उनमें तेजी की रफ्तार कम है।  
 
आईटी सेक्टर पर उन्होंने कहा कि भारत आज भी प्रोडक्ट नहीं बना पा रहा है, सिर्फ सर्विस प्रोवाइडर बनकर रह गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ “कैश ऑन बुक्स” होना निवेश का कारण नहीं होना चाहिए। इसके अलावा, डिफेंस सेक्टर को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि स्टोरी मजबूत है लेकिन मौजूदा वैल्यूएशन उन्हें आकर्षक नहीं लगती, इसलिए उन्होंने उसमें फिलहाल निवेश नहीं किया है।  
 
आईपीओ बाज़ार में मची हलचल को लेकर उन्होंने इसे एक तरह की ‘फ्रेंज़ी’ बताया और चेतावनी दी कि जब भी किसी सेगमेंट में जरूरत से ज्यादा उत्साह होता है, तो वह टिकता नहीं है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि आईपीओ का कल्चर बंद नहीं होगा, लेकिन यह जरूर ठंडा पड़ सकता है। नए निवेशकों को उन्होंने सलाह दी कि केवल नाम देखकर या प्रीमियम देखकर निवेश न करें, बल्कि वैल्यू पर ध्यान दें।  
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अंत में, उन्होंने कहा कि उन्हें लार्जकैप, मिडकैप या स्मॉलकैप में फर्क नहीं पड़ता, वे स्टोरी को देखते हैं। उन्होंने बताया कि निवेशक को यह देखना चाहिए कि कंपनी सस्ती मिल रही है और भविष्य में ग्रोथ की कितनी संभावना है। विजय केडिया का संदेश साफ था कि बाजार में पैसा कमाना आसान नहीं है, लेकिन धैर्य, रिसर्च और सही अप्रोच से अच्छे अवसर हासिल किए जा सकते हैं।  
 
“शेयर से जुड़े अपने सवाल आप हमें business@jagrannewmedia.com पर भेज सकते हैं।“  
 
 
(डिस्क्लेमर: यहां शेयरों को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।) |   
                
                                                    
                                                                
        
 
    
                                     
 
 
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