Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र का महत्व।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shardiya Navratri Day 4: नवरात्र के चौथे दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। यह दिन साधक के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दिन उनकी पूजा से सभी इच्छाएं पूर्ण होती है। ऐसा माना जाता है कि देवी कूष्मांडा ने अपनी मंद मुस्कान से ही इस ब्रह्मांड की रचना की थी, तो आइए इस आर्टिकल में मां कूष्मांडा की पूजा विधि से लेकर संपूर्ण बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं - विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मां कूष्मांडा का स्वरूप
मां कूष्मांडा (Maa Kushmanda) को अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है। वह सिंह पर सवार हैं। उनके आठ हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृत से भरा कलश, चक्र और गदा शोभित हैं, और आठवें हाथ में जपमाला है, जो भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं। देवी का तेज सूर्य के समान है, और वह ही ब्रह्मांड को ऊर्जा देती हैं।
मां कूष्मांडा की पूजा विधि (Shardiya Navratri Day 4 Puja Vidhi)
- सुबह स्नान आदि से निवृत होकर साफ कपड़े पहनें।
- पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें और मां कूष्मांडा का ध्यान करें।
- मां को पीले रंग के वस्त्र, पुष्प और शृंगार सामग्री अर्पित करें।
- इस दिन पीले कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।
- देवी को धूप, दीप, अक्षत, रोली और अन्य पूजन सामग्री चढ़ाएं।
- पूजा के दौरान मधुर ध्वनि के लिए घंटी बजाएं।
- मां को फल और मिठाई भोग लगाएं।
- अंत में आरती करें।
- पूजा के दौरान तामसिक चीजों से दूर रहें।
मां कूष्मांडा के प्रिय भोग (Shardiya Navratri Day 4 Bhog)
मां कूष्मांडा को मालपुआ और केसर वाला पेठा बहुत प्रिय है। ऐसे में आप देवी को इन्हें अर्पित कर सकते हैं।
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पूजन मंत्र (Shardiya Navratri Day 4 Puja Mantra)
- ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः॥
- सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
पूजा का महत्व (Shardiya Navratri Day 4 Significance)
मां कूष्मांडा की पूजा से भक्तों के सभी रोग-दोष दूर होते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। ऐसा कहते हैं कि जो साधक इस दिन सच्चे मन से देवी की पूजा करते हैं, उनके जीवन में आने वाली बाधाओं को मां तुरंत हर लेती हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
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