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IND W vs NZ W: हरमन की टीम के लिए आज करो या मरो का मुकाबला, न्यूजीलैंड से मेजबान भारत का सामना

deltin33 2025-10-23 11:07:09 views 1222

  

भारतीय टीम के पास सेमीफाइनल में पहुंचने का आखिरी मौका। फाइल फोटो



नवी मुंबई, प्रेट्र। भारतीय टीम पिछले तीन मैच में हार से सबक लेकर गुरुवार को महिला वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाले क्वार्टर फाइनल जैसे मुकाबले में जीत दर्ज करके सेमीफाइनल में जगह पक्की करने की कोशिश करेगी। हरमनप्रीत कौर की अगुआई वाली टीम यदि डीवाई पाटिल स्टेडियम के अपने चिर परिचित विकेट पर न्यूजीलैंड की टीम को हरा देती है तो वह सेमीफाइनल में जगह बनाने वाली चौथी टीम बन जाएगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

अगर वह पिछले तीन मैच की तरह गलतियां करती है तो फिर वह अगर मगर के भंवर में फंस जाएगी। यदि भारत न्यूजीलैंड से हार जाता है तो उसे सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए इंग्लैंड की न्यूजीलैंड के खिलाफ अगले मैच में जीत के लिए दुआ करनी होगी और फिर बांग्लादेश के खिलाफ अपने अंतिम ग्रुप लीग मैच में भी जीत हासिल करनी होगी।
तीन टीमें क्वालीफाई

ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड पहले ही सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर चुके हैं। भारत भी सेमीफाइनल में पहुंचने का प्रबल दावेदार था, लेकिन लगातार तीन मैच में हार का सामना करने के कारण उसके समीकरण बिगड़ गए हैं। ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका दोनों ने भारत की गेंदबाजी में कमजोरी को खुलकर उजागर किया, लेकिन उसे सबसे बड़ा झटका इंदौर में इंग्लैंड के खिलाफ लगा जहां उसे एक समय 54 गेंद पर 56 रन की जरूरत थी लेकिन वह लक्ष्य तक पहुंचने में नाकाम रहा।

भारत की समस्या छठे गेंदबाजी विकल्प तक ही सीमित नहीं है। उसकी टीम घरेलू धरती पर खेलने के दबाव से निपटने के लिए भी संघर्ष कर रही है। दबाव में भारत की कमजोरी और विशिष्ट कौशल की कमी कप्तान हरमनप्रीत और मुख्य कोच अमोल मजूमदार के लिए सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है। अब तक भारत का कोई भी शीर्ष बल्लेबाज मैच खत्म करने के लिए लंबे समय तक नहीं टिक सका है।
गेंदबाजी में निरंतरता का अभाव

यही नहीं उसके गेंदबाजों के प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव स्पष्ट नजर आ रहा है। ऐसी स्थिति में भारतीय बल्लेबाजी की मुख्य आधार रही हरमनप्रीत और फार्म में चल रही स्मृति मंधाना की अनुभवी जोड़ी को जिम्मेदारी लेनी होगी। भारत ने अपनी गेंदबाजी को मजबूत करने के लिए पिछले मैच में जेमिमा रोड्रिग्स को बाहर करके स्विंग गेंदबाजी में माहिर रेणुका ठाकुर को टीम में रखा था, लेकिन उसकी यह रणनीति भी कारगर साबित नहीं हुई।
हरलीन देओल पर दबाव

भारत अगर इसी संयोजन के साथ उतरता है तो दबाव तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाली हरलीन देओल पर होगा, जो अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल पाई हैं। यहां की पिच पारंपरिक रूप से बल्लेबाजों के अनुकूल रही है, लेकिन पहले बल्लेबाजी करने वाली टीमों को दूसरी पारी में ओस के प्रभाव को लेकर सतर्क रहना होगा। सोफी डिवाइन और सूजी बेट्स की अनुभवी जोड़ी भारत के लिए कड़ी चुनौती पेश करेगी।

यह भी पढे़ं- IND W vs ENG W: लगातार तीन हार के बाद भी टीम इंडिया सेमीफाइनल में कैसी पहुंचेगी? समझिए पूरा गणित
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