Bhai Dooj Timing 2025: चार योग संयोग में मनेगा भाई दूज का पर्व, नोट कीजिए शुभ मुहूर्त का समय

LHC0088 2025-10-23 00:07:05 views 850
  

चार योग संयोग में मनेगा भाई दूज का पर्व



जागरण संवाददाता, पटना। कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि में विशाखा नक्षत्र के साथ आयुष्मान योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवियोग, जयद् योग में यम द्वितीया यानी भैया दूज का पर्व मनेगा। ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने पंचांगों के हवाले से बताया कि पर्व के दिन शुभ योग में बहनें भाई की सलामती के लिए भैया दूज का व्रत करेंगी। बहनें यमराज एवं उनके दूतों की पूजा के बाद भाई के ललाट पर तिलक लगा कर कुशल जीवन के लिए प्रार्थना करेंगी। बदले में भाई भी उनकी रक्षा व सम्मान का संकल्प लेते हुए उपहार देंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

वहीं, कायस्थ समुदाय के श्रद्धालु विधि-विधान के साथ भगवान चित्रगुप्त भगवान की पूजा करेंगे। शहर के गर्दनीबाग ठाकुरबाड़ी समेत अन्य जगहों पर धूमधाम से भगवान चित्रगुप्त की पूजा होगी। इस दौरान विभिन्न जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।
भाई के हाथों पर लगेगा अरिपन

मिथिलांचन में बहनें भैया दूज के मौके पर अपने भाई के हाथों की पूजा करेंगी। अरिपन, चंदन, पान-सुपारी, फूल व धान के बाली से पूजा के बाद विशेष टीका चंदन लगाकर उनकी सलामती की कामना करेंगी। भाई को बहन के घर भोजन करना और उन्हें उपहार देने अत्यंत शुभ माना गया है। ऐसा करने से यम के दुष्प्रभाव भी कम हो जाता है। भातृ द्वितीय के दिन बहन के घर भोजन करने से आयु में वृद्धि व सांसारिक जीवन के कष्ट दूर होते हैं।
बहनें जलाएंगी चौमुखी दीपक:

बहनें सायंकाल गोधूलि बेला में यमराज के नाम से चौमुख दीया जलाकर घर के बाहर रखती है जिसका मुख दक्षिण दिशा की ओर होता है। मान्यता है कि भाई के प्राण की रक्षा होती है। भाई का चतुर्दिक विकास एवं उन्नति होता है। दैहिक, दैविक और भौतिक संतापों से भाई की सुरक्षा होती है। दीपक प्रकाश देते हुए दम सभी प्रकार के तम को दूर करता है।

इस प्रकार यह पर्व बहुत ही श्रद्धा पूर्वक मनाया जाता है। भाई बहन का यह पर्व दीपों के पर्व का उपसंहार है। इस दिन बहन के घर जाकर उनके हाथ का बना हुआ भोजन करने तथा उन्हें यथाशक्ति दान देने से कर्मपाश में बंधे हुए नर्कीय पापियों को भी यमराज मुक्त कर देते हैं।
पूजन सामग्री की महत्ता:


  • रेगनी का कांटा- रेगनी के कांटा को बहनें अपने जीभ पर चुभोती है। इस होने वाले दर्द में अपने भाई के लिए कभी बुरा वचन नहीं निकले इसका संकल्प लेती हैं।

  • बजरी: सभी दलहन फसलों में बजरी ही सबसे कठोर होता है। ठीक उसी प्रकार बजरी खाकर उनका भाई मजबूत, सुदृढ़, निष्ठापूर्ण हो।

  • नारियल: नारियल बाहर से कठोर परंतु अंदर से श्वेत हृदय, सरल स्वाभाव, वचन में शीतलता, व्यवहार में मधुरता के लिए नारियल का प्रयोगकिया जाता है।

  • पान: पान की तरह सबका प्रिय हो, मुख मंडल की लाली हमेशा बना रहे।

भाई दूज पूजन शुभ मुहूर्त

  • द्वितीया तिथि: सुबह से रात्रि 08:23 बजे तक
  • शुभ योग मुहूर्त: प्रातः 05:53 बजे से 07:19 बजे तक
  • चर-लाभ-अमृत मुहूर्त: सुबह 10:09 बजे से शाम 02:24 बजे तक
  • अभिजित मुहूर्त: दोपहर 11:11 बजे से 11:56 बजे तक
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