deltin33                                        • 2025-10-22 23:37:33                                                                                        •                views 1149                    
                                                                    
  
                                
 
  
 
    
 
  
 
जागरण संवाददाता, आजमगढ़। दो अलग-अलग हादसों में बुधवार की सुबह खेत में फसल को बेसहारा पशुओं से बचाने के लिए लगाए गए बाड़ में प्रवाहित करंट से चाची-भतीजा समेत तीन की मौत हो गई। बचाने में मां-बेटी समेत तीन लोग झुलस गए। दोनों मामलों में मृतक के स्वजन ने खेत मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। अ विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
धीक्षण अभियंता, विद्युत वितरण मंडल, प्रथम घनश्याम प्रसाद ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को खेत के बाड़ में करंट प्रवाहित करने की अनुमति नहीं दी जाती है।तहबरपुर निवासी 45 वर्षीय रजनी देवी अपने 24 वर्षीय भतीजे धीरज के साथ सुबह करीब छह बजे खेत में पानी भरने गई थीं। उनके खेत के बगल में लालचंद यादव ने बेसहारा पशुओं से सुरक्षा के लिए अपने खेत की तार से घेराबंदी कर बिजली का तार लगाया है।  
 
रजनी इसी बाड़ में प्रवाहित करंट की चपेट में आ गईं। उन्हें बचाने धीरज पहुंचा तो वह भी चपेट में आ गया। धीरज के चचेरे भाई पिंटू ने यह देखा तो उसने फावड़े से तार को काटा, लेकिन उसे भी करंट लग गया। स्वजन तीनों को लेकर जिला अस्पताल गए। डाक्टर ने रजनी व धीरज को मृत घोषित कर दिया। स्वजन ने शव को आरोपित के घर के सामने रखकर प्रदर्शन भी किया। पुलिस ने आरोपितों पर कार्रवाई का आश्वासन देकर मामले को शांत कराया।  
 
दूसरी घटना कंधरापुर में हुई। 22 वर्षीय प्रियंका सुबह अपनी मां सुभावती देवी अैर बहन नीरज के साथ खेत जा रही थीं। रास्ते में प्रियंका अपने बाड़ में प्रवाहित करंट की चपेट में आ गईं। उसे बचाने में मां और बहन भी झुलस गईं। स्वजन तीनों को अस्पताल लेकर गए। चिकित्सकों ने प्रियंका को मृत घोषित कर दिया। |   
                
                                                    
                                                                
        
 
    
                                     
 
 
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