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Chhath 2025 Date, Chhath Puja Kab Hai: छठ पूजा कब है? नहाय-खाय, खरना, अर्घ्य की सही तिथि, Chhath Puja 2025 की पूजा विधि

LHC0088 2025-10-22 21:07:53 views 1241

  

Chhath 2025 Date, Chhath Puja Kab Hai: 25 अक्टूबर, 2025 शनिवार से नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय अनुष्ठान के साथ कार्तिक छठ 2025 शुरू हो रहा है।



संवाद सूत्र, मुंगेर। Chhath 2025 Date, Chhath Puja Kab Hai लोक आस्था महापर्व छठ 2025 शुरू होने में महज 48 घंटे शेष है। इस साल 25 अक्टूबर, शनिवार से नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय अनुष्ठान के साथ कार्तिक छठ पर्व 2025 शुरू हो रहा है। इस दिन छठ व्रती नियम-धर्म से सात्विक भोजन बनाकर प्रसाद स्वरूप ग्रहण करेंगे। छठी मइया को ध्यान कर छठ पूजा 2025 का संकल्प नहाय-खाय पर ही लेने का विधान है। इस दिन छठी मइया और आदित्य देव के लिए गीत गाकर उनका आह्वान किए जाने की परंपरा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

26 अक्टूबर, रविवार को खरना 2025 है। इस दिन छठ व्रती पूरी निष्ठा से छठी मइया को खीर का प्रसाद बनाकर भोग लगाती हैं। लोहंडा का यह प्रसाद घर-परिवार और पास-पड़ोस में जनमानस को ग्रहण कराने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि खरना का प्रसाद ग्रहण करने से जीवन के सारे दूख दूर होते हैं। छठी मइया व्रती की सारी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।

27 अक्टूबर, सोमवार को अस्ताचलगामी भगवान भाष्कर को संध्याकालीन अर्घ्य अर्पण किया जाएगा। इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर छठ व्रती अपने परिवार की सुख-समृद्धि और संतति वृद्धि की कामना आदित्य देव से करते हैं। ऐसी मान्यता है कि ढलते सूरज को जल चढ़ाने से भगवान दिनकर छठ व्रती को भर-भरकर आशीष देते हैं।

28 अक्टूबर, मंगलवार को उदीयमान सूर्य को प्रात:कालीन अर्घ्य दिया जाना है। इस दिन दीनानाथ के उगते स्वरूप का दर्शन कर छठ व्रती खुशहाली की कामना करती हैं। परिवार के लोग भी छठ व्रती को सामने से दूध-जल का अर्घ्य अपर्ण कर अपनी निष्ठा प्रकट करते हैं। छठी मइया से मंगल कामनाएं की जाती हैं। छठ पूजा 2025 का प्रसाद छठ घाट पर ही ग्रहण करने का विधान है। अंतिम चरण में छठ व्रती पारण कर चार दिवसीय छठ पर्व 2025 का अनुष्ठान समाप्त करती हैं।

कार्तिक, छठ पूजा 2025 के अनुष्ठान Chhath Puja 2025 Date

  • 25 अक्टूबर, शनिवार : नहाय-खाय
  • 26 अक्टूबर, रविवार : खरना 2025
  • 27 अक्टूबर, सोमवार : अस्ताचलगामी भगवान भाष्कर को संध्याकालीन अर्घ्य
  • 28 अक्टूबर, मंगलवार : उदीयमान सूर्य को प्रात:कालीन अर्घ्य अर्पण


माता सीता ने यहां किया था छठ पर्व

योगनगरी मुंगेर का लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा 2025 से खास और गहरा लगाव है। धार्मिक मान्यता है कि इसकी शुरुआत मुंगेर के सीताचरण मंदिर से हुई थी। माता सीता ने यहां से छठ पर्व 2025 अनुष्ठान किया था। यहां आज भी माता सीता की चरणपादुका मौजूद है। मंदिर परिसर में चार कुंड हैं, जो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के चारों भाइयों लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के नाम पर हैं।

छठ महापर्व 2025 के विशेष महत्व के कारण मुंगेर के अलावा बिहार के दूसरे जिले से भी छठ व्रती यहां गंगा घाट पर छठी मइया को अर्घ्य देने पहुंचते हैं। इधर, छठ व्रत 2025 की तैयारी को लेकर जिला प्रशासन और नगर निगम ने युद्धस्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। नगर निगम क्षेत्र में सोझी घाट, जेल घाट, बबुआ घाट, दोमंठा घाट, कष्टहरणी घाट सहित 14 घाट है।

छठ घाटों पर सफाई काम काम चल रहा है। निगम के समक्ष समस्या ये हो रही है कि गंगा का जलस्तर कम हो रहा है। इस कारण पानी तक पहुंचने के लिए सीढ़ियाें के निर्माण में थोड़ी परेशानी हो रही है। इधर, जमालपुर काली पहाड़ी के पास बड़ी संख्या में छठ व्रती भगवान भाष्कर को अर्घ्य देने पहुंचते हैं। इस घाट को भी संवारा जा रहा है।

डीएम ने दो दिन पूर्व बैठक कर सभी छठ घाटों की सफाई, लाइटिंग की व्यवस्था और गोताखोरों की तैनाती करने का निर्देश दिया है। छठ 2025 के संध्याकालीन अर्घ्य के दिन 27 अक्टूबर, सोमवार को शहर की सड़कों की दोपहर में विशेष सफाई कर पानी का छिड़काव किया जाएगा।

यह भी पढ़ें : Chhath 2025 Date, Chhath Puja Kab Hai: कब है छठ? नोट करें नहाय-खाय, खरना, अर्घ्य की सही तिथि Chhath Puja 2025 पर विशेष संयोग
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