deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

Bihar Politics: धमदाहा में चुनावी जंग दिलचस्प, रोज बदल रहे समीकरण; मतदाता बने किंगमेकर

Chikheang 2025-10-21 19:07:38 views 456

  

धमदाहा में चुनावी जंग दिलचस्प, रोज बदल रहे समीकरण



सुशांत कुमार, धमदाहा (पूर्णिया)। धमदाहा विधानसभा का राजनीतिक पारा इन दिनों चरम पर है। यहां चुनावी मुकाबला जितना रोचक है, उतना ही अनिश्चित भी। हर दिन नए समीकरण बन रहे हैं और अगले ही पल पुराने गठजोड़ बिखरते नजर आ रहे हैं। गांवों की चौपालों से लेकर धमदाहा बाजार की टपरियों तक हर कोई अब चुनावी विश्लेषक बन चुका है। चर्चा एक ही, “इस बार धमदाहा में कौन“। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एनडीए की ओर से मंत्री लेशी सिंह फिर मैदान में

एनडीए ने एक बार फिर धमदाहा से मंत्री लेशी सिंह पर भरोसा जताया है। वे लगातार जनसंपर्क में जुटी हैं और विकास के मुद्दे को केंद्र में रख रही हैं। समर्थकों का कहना है, “लेशी सिंह ने धमदाहा का चेहरा बदला है, जनता उन्हें फिर मौका देगी“। उनका प्रचार अभियान गांव-गांव तक पहुंच चुका है, जहां महिलाओं और युवाओं में उनकी पकड़ मजबूत बताई जा रही है।
महागठबंधन ने उतारा संतोष कुशवाहा को मैदान में

महागठबंधन ने इस बार धमदाहा सीट पर बड़ा दांव खेलते हुए पूर्णिया के पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा को टिकट दिया है। संतोष कुशवाहा जनता के बीच लगातार प्रचार में हैं और कहते हैं, धमदाहा में अब बदलाव की जरूरत है, जनता इस बार जात नहीं, विकास पर वोट करेगी।
जनसुराज से बंटी यादव की एंट्री ने बदली हवा

तीसरे मोर्चे से जनसुराज के प्रत्याशी राकेश कुमार उर्फ बंटी यादव ने मैदान में उतरकर चुनावी हवा को और गर्म कर दिया है। जनसुराज प्रमुख प्रशांत किशोर की टीम से जुड़े रहे बंटी यादव युवा मतदाताओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। उनका नारा है- “धमदाहा को अब नई दिशा चाहिए, व्यवस्था बदलनी होगी।” बंटी यादव का प्रचार स्टाइल अलग है। वे सभाओं से ज्यादा घर-घर जाकर संवाद कर रहे हैं।
निर्दलीयों की भूमिका अहम, खेल बिगाड़ सकते हैं समीकरण

इन तीन मुख्य दावेदारों के बीच कई निर्दलीय प्रत्याशी भी पूरे दमखम के साथ मैदान में हैं। इनमें कुछ स्थानीय प्रभावशाली चेहरे हैं, जिनका वोट बैंक पर असर देखा जा रहा है।

दिलचस्प यह है कि कई निर्दलीय प्रत्याशी खुलकर कहते नजर आते हैं। न हम जीतेंगे, न फलां को जीतने देंगे। यानी इस बार चुनावी तस्वीर में निर्दलीयों का रोल निर्णायक साबित हो सकता है। धमदाहा में इस समय राजनीति हर बातचीत का विषय है। चाय की दुकानों पर बहसें चल रही हैं कोई कह रहा है “अबकी बार नया चेहरा चाहिए,” तो कोई जवाब दे रहा है “पुराना ही भरोसेमंद है।”

जनसुराज के समर्थक परिवर्तन की बात करते हैं, जबकि एनडीए समर्थक अपने पुराने कामकाज के दम पर वोट मांग रहे हैं। धनतेरस, दीपावली और छठ जैसे पर्वों के बीच इस बार धमदाहा की सियासत भी अपने चरम पर है। त्योहारी भीड़ और चुनावी जोश ने पूरे इलाके का माहौल अक्टूबर में भी जेठ की दोपहरी जैसा बना दिया है।

दुकानों की चहल-पहल के साथ पोस्टर-बैनर और जनसभाओं की गूंज पूरे अनुमंडल क्षेत्र में सुनाई दे रही है। अब सबकी निगाहें मतदान दिवस पर टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि धमदाहा की जनता ने किस पर भरोसा जताया। अनुभवी मंत्री पर, परिवर्तन के चेहरे पर या किसी नए विकल्प पर। एक बात तय है, इस बार धमदाहा की जंग सिर्फ सीट की नहीं, सियासी वर्चस्व की है, और अंतिम फैसला जनता के हाथ में है।
like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

710K

Credits

Forum Veteran

Credits
70742
Random