Diwali 2025: मां लक्ष्मी को कैसे प्रसन्न करें?  
 
  
 
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर दीवाली मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर प्रदोष काल में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। धार्मिक मत है कि मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। साथ ही दुख और संकट दूर हो जाते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
साधक दीवाली की रात सच्चे मन से धन की अधिष्ठात्री मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो कई राशि (Maa Laxmi Favorite zodiac signs) के जातकों पर धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है। उनकी कृपा से इन जातकों को दीवाली के दिन सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होगी।  
वृषभ राशि  
 
    
 
ज्योतिषियों की मानें तो वृषभ राशि के स्वामी शुक्र देव हैं और आराध्या जगत की देवी मां दुर्गा हैं। इस राशि का शुभ रत्न हीरा है। इस राशि के जातकों पर देवी मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है। धन संबंधी परेशानी दूर होगी। घर में सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। शुभ कामों में सफलता मिलेगी। धर्म कर्म में रूचि बढ़ेगी। दांपत्य जीवन मधुर रहेगा। बिजनेस करने से लाभ होगा। कारोबार में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। रुका हुआ धन प्राप्त होगा। निवेश से लाभ मिलेगा। परिवार में सुखद माहौल रहेगा। आमदनी बढ़ेगी। धन बचत करने में कामयाब होंगे। तनाव से मुक्ति मिलेगी।  
तुला राशि  
 
    
 
तुला राशि के स्वामी सुखों के कारक शुक्र देव हैं और आराध्य मां लक्ष्मी हैं। तुला राशि के जातको पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है।उनकी कृपा से धन और सुख में बढ़ोतरी होगी। साथ ही मेहनत का दोगुना मिलता है। दीवाली से शुभ काम की शुरुआत करेंगे। पूजा के समय मां लक्ष्मी को सात सफेद रंग की कौड़ी अर्पित करें। इसके बाद लाल रंग के वस्त्र में कौड़ी को बांधकर तिजोरी में रख दें। इस उपाय को करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। अगर निवेश करने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो समय अनुकूल है। नवीन कार्य की शुरुआत करने से भी विशेष लाभ मिलेगा।  
 
यह भी पढ़ें- Diwali 2025: क्यों निशिता काल में की जाती है दीवाली की पूजा? यहां नोट करें मुहूर्त  
 
यह भी पढ़ें- Diwali 2025: प्रदोष काल में लक्ष्मी-गणेश की होगी विशेष पूजा, नोट करें शुभ समय  
 
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है। |