दीवाली पर दीपों से जगमगाएगा इंडो-नेपाल बार्डर।  
 
  
 
रामकुमार पाठक, जरवा (बलरामपुर)। देश की सीमा पर दिन-रात सुरक्षा के कर्णधार बने एसएसबी जवान दीपावली का पर्व अनोखे तरह से मनाते हैं। घर-परिवार से दूर रहकर नन्हे-मुन्ने बच्चों व ग्रामीणों के साथ त्योहार की खुशियां बांटने के साथ रात भर सीमा की सुरक्षा में मुस्तैद रहते हैं। ताकि दोनों देशों के लोग अमन-चैन की नींद सो सकें। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
जिले में भारत-नेपाल की 93 किलोमीटर खुली सीमा की रखवाली के लिए एसएसबी की 13 चौकियां स्थापित हैं। जहां पर तैनात जवानों को हर साल दीपावली का बेसब्री से इंतजार रहता है। दीपक की रोशनी से जगमगाते इंडो-नेपाल बार्डर की मनोरम छटा देखते ही बनती है।  
सात विद्यालयों को लिया गोद  
 
सीमा पर तैनात एसएसबी के जवान सुरक्षा के साथ ही बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने में भी अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। इसके लिए एसएसबी ने सीमावर्ती क्षेत्र के सात परिषदीय स्कूलों को गोद ले रखा है। इसमें नंदमहरा, बालू, बघेलखंड, टमकुल, भुसहर, तरवा व नसीमडीह गांव के प्राथमिक व कंपोजिट स्कूल शामिल हैं।  
 
प्रतिवर्ष एसएसबी के जवान इन स्कूलों में जाकर नन्हे-मुन्ने बच्चों के साथ दीपावली की धूम मचाते हैं। बच्चों के बीच खेलकूद प्रतियोगिता कराकर उन्हें मिठाई बांटते हैं।  
 
यही नहीं, उनके साथ रंग-बिरंगी फुलझड़ियां जलाकर त्योहार की खुशियां मनाते हैं। साथ ही राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस समेत अन्य त्योहार में विभिन्न स्कूलों के बच्चे यहां आकर एसएसबी की कार्यशैली से रूबरू होते हैं।  
सीमा पर जगमाएंगे दीपक  
 
सीमा की रखवाली में मुस्तैद एसएसबी जवान दीपावली के त्योहार पर इंडो-नेपाल बार्डर की खुली सीमा पर अंधियारे के खिलाफ जंग लड़ने को तैयार हैं। दीपावली के दिन देश की सीमा दीपकों की झिलमिल रोशनी से जगमाएगी। इसे लेकर सभी 13 चौकियों पर तैनात जवान उत्साह से लबरेज हैं।  
पूरा देश ही है परिवार  
 
एसएसबी नौवीं वाहिनी के कमांडेंट मनोरंजन कुमार पांडेय ने बताया कि भले ही एसएसबी जवान अपने घर-परिवार से दूर रहते हों, लेकिन उनके लिए पूरा देश ही परिवार की तरह है। सीमा पर बसे गांवों के नन्हे-मुन्ने बच्चों के साथ दिवाली की खुशियां धूमधाम से मनाई जाती हैं। इस बार भी दीपावली को लेकर तैयारियां की गईं हैं। |