पूर्णिया विधानसभा से सबसे ज्यादा प्रवासन और बड़हरा से कम। फोटो जागरण  
 
  
 
धर्मेंद्र कुमार सिंह, आरा। रोजगार और बेहतर जीवन की तलाश में प्रवासन बिहार के लिए नई बात नहीं, पर हर चुनाव में यह मुद्दा उभरकर सामने आता है, परंतु इसके बाद गौण हो जाता हैं। उत्तर बिहार के जिलों में जहां प्रवासन की समस्या गहरी है, वहीं शाहाबाद क्षेत्र में इसका असर अपेक्षाकृत कम दिखाई देता है। राज्य निर्वाचन आयोग से जारी ताजा आंकड़े इस असमानता को साफ तौर पर दिखाते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
आयोग की जारी रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर बिहार के पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, कटिहार और अररिया जैसे जिलों में प्रवासी मतदाताओं की संख्या 10 से 17 हजार के बीच दर्ज की गई है।  
 
सबसे ज्यादा 17 हजार प्रवासी वोटर पूर्णिया जिले में हैं, जबकि पश्चिम चंपारण में करीब 16 हजार लोग अपनी रोज़ी-रोटी की तलाश में राज्य से बाहर हैं। इसके उलट, शाहाबाद क्षेत्र के जिलों में प्रवासन का ग्राफ काफी नीचे है।  
 
भोजपुर, बक्सर, कैमूर और रोहतास जिलों में प्रवासी वोटरों की संख्या महज 1400 से 4000 के बीच पाई गई है। राज्य का सबसे कम प्रवासन वाला विधानसभा क्षेत्र भोजपुर जिले का बड़हरा है, जहां से केवल 66 लोग ही काम-धंधे के लिए बाहर गए हैं।  
 
राज्य में कुल प्रवासी वोटरों की संख्या 2,12,999 है। ये आंकड़े मतदाता पुनरीक्षण के दौरान बूथ स्तर अधिकारी (बीएलओ) द्वारा घर-घर किए गए सर्वेक्षण के आधार पर तैयार किए गए हैं।  
 
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि उत्तर बिहार के जिलों में बे रोजगारी और पलायन आज भी गंभीर चुनौती बनी हुए हैं, जबकि शाहाबाद के जिलों में स्थानीय स्तर पर खेती-बाड़ी की स्थिति और रोजगार के अवसर अपेक्षाकृत बेहतर हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में पर्व त्योहार होने के कारण प्रवासी वोटर राज्य की राजनीति के समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं।  
पूर्णिया विधानसभा से सबसे ज्यादा प्रवासन और बड़हरा से कम  
 
विधानसभावार आंकड़ों में पूर्णिया से दूसरे राज्यों में जाने वाले वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है। वहीं, भोजपुर के बड़हरा विधानसभा क्षेत्र में केवल 66 वोटर ऐसे मिले जो स्थायी रूप से दूसरे राज्यों में रोजगार के लिए गए हैं।  
 
गंगा और सोन के किनारे बसा बड़हरा विधानसभा क्षेत्र उपजाऊ भूमि और जलीय संपदा में अव्वल है। दाे माह बाढ़ की त्रासदी झेलने वाले इस क्षेत्र में बाढ़ सब्जी और मक्का के उत्पादन के लिए मशहूर है और यह रोजगार के अवसर पैदा करता है।  
सबसे ज्यादा और सबसे कम प्रवासी वोटर वाले जिले तथा विधानसभा क्षेत्र  
 
    जिला प्रवासी वोटरों की संख्या  
    
    
   पूर्णिया  
   17,128  
    
    
   पश्चिमी चंपारण  
   16,190  
    
    
   कटिहार  
   14,545  
    
    
   पटना  
   14,462  
    
    
   अररिया  
    
10,675  
    
शाहाबाद के जिले से प्रवासन  
 
    जिला प्रवासी वोटरों की संख्या  
    
    
   भोजपुर  
   3,084  
    
    
   बक्सर  
   4,127  
    
    
   कैमूर  
   2,380  
    
    
   सासाराम  
   1,471  
    
सबसे ज्यादा प्रवासन वाले विधानसभा क्षेत्र  
 
    विधानसभा प्रवासियों की संख्या  
    
    
   पूर्णिया  
   13,013  
    
    
   कटिहार  
   8,763  
    
    
   सिकटा  
   5,882  
    
    
   बगहा  
   4,912  
    
    
   इस्लामपुर  
   2,728  
    
 
  
विधानसभा क्षेत्र से कम प्रवासन  
 
  
 
    विधानसभा प्रवासियों की संख्या  
    
    
   बड़हरा  
   66  
    
    
   कल्याणपुर  
   100  
    
    
   गोविंदगंज  
   109  
    
    
   अलीपुर  
   122  
    
    
   हायघाट  
   124  
    
 
  
कई विधानसभा क्षेत्र में निर्णायक होगी उनकी भूमिका  
 
इस बार का मतदान दीपावली और छठ पूजा के बाद है। इस कारण इस बार मतदान में प्रवासी मतदाता ज्यादा अपने गृह क्षेत्र में रहेंगे। इससे ज्यादा से ज्यादा संख्या में इनके मतदान करने की संभावनाओं को देखते हुए इनकी भी भूमिका इस मतदान में काफी बढ़ गई है। राज्य के कई ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं जहां 100 से लेकर 500 मतों के बीच फैसला होता है, वहां के लिए प्रवासी वोटरों की भूमिका अहम होगी। |