Dhanteras kab hai: धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। Dhanteras 2025
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। Dhanteras kab hai, Dhanteras 2025 धनतेरस का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। दीपावली की शुरूआत धनतेरस से ही होती है। इसको धनत्रयोदशी भी कहा जाता है। शनिवार को इस बार धनतेरस मनाई जाएगी। दीपावली और धनतेरस की तैयारी भी चल रही है। बाजार दीप और अन्य सामग्रियों से पटी हुई है। धनतेरस को आरोग्य, दीर्घायु और धन - समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आचार्य धर्मेंद्र झा ने बताया कि शास्त्रों में वर्णन है कि इसी दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इस दिन उनकी पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान कुबेर और यमराज की आराधना भी की जाती है। कहा जाता है कि कुबेर की पूजा से धन और सौभाग्य मिलता है और यमराज की पूजा अकाल मृत्यु से रक्षा करती है।
शुक्रवार को पूजन सामग्रियों की खरीद के लिए बाजार में काफी चहल - पहल देखी जा रही है। बर्तन से लेकर फर्नीचर तक के दुकानों में सजावट की गई है। घरेलू उपयोग की सामग्रियों से बाजार पटा हुआ है। गहने की दुकान की भी सजावट की गई है। Dhanteras 2025 Date
शाम में होती है यमराज की पूजा Dhanteras 2025 kab hai
शाम में यमराज की पूजा का विशेष महत्व है। दक्षिण दिशा को यम की दिशा कहा गया है। प्रदोष काल में घर के मुख्य द्वार के बाहर दक्षिणमुख होकर अन्न की ढ़ेरी पर चारमुखी तेल का दीपक जलाया जाता है। यह दीपक यमराज को समर्पित माना जाता है। आचार्य धर्मेंद्र ने बताया कि दीपक जलाते समय प्रार्थना करें की वे अपने परिवार को दीर्घायु और सुरक्षा का आशीर्वाद दें और किसी की अकाल मृत्यु न हो। Dhanteras 2025
धनतेरस 2025 : क्या है शुभ मुहूर्त Dhanteras kab hai 2025
आचार्य ने बताया कि धनतेरस शनिवार को है। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम सात बजकर सोलह मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इस समय भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की आराधना करनी चाहिए। खरीदारी का शुभ मुहूर्त शनिवार दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से लेकर दूसरे दिन 6 बजकर 24 मिनट तक है।
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