deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

दिल्ली से गैंगस्टरों और ऑर्गेनाइज्ड क्राइम का होगा खात्मा, दिल्ली पुलिस ने बनाई मकोका सेल

LHC0088 2025-10-18 02:37:21 views 1123

  

दिल्ली पुलिस ने बनाई मकोका सेल।  



जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। गैंगस्टरों व संगठित अपराध के खिलाफ शक्तिशाली कानून का बेहतर इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस ने मकोका सेल की स्थापना की है। यह पुलिस अधिकारियों और कानूनी विशेषज्ञों की एक टीम है।

यह टीम सही प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित करेगी। पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी आदेश में अपराध शाखा के एक डीसीपी स्तर के अधिकारी को इस सेल का प्रभार सौंपा गया है। उनके साथ इस सेल में एसीपी व दो निरीक्षक की भी तैनाती की गई है, जो मामलों से संबंधित रिकार्ड का प्रबंधन और वित्तीय आंकड़े को देखेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

दिल्ली में गैंगस्टरों के बढ़ते आतंक पर अंकुश लगाने के लिए मकोका सेल बनाने की जरूरत है। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मकोका लगाने के बावजूद ठीक रिपोर्ट तैयार नहीं करने पर अपराधियों को जमानत मिल जाती थी।

इसलिए मकोका सेल की जरूरत थी, जो स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच या किसी भी जिला पुलिस द्वारा अपराधियों के किसी गिरोह के खिलाफ मकोका लागू किए जाने पर मामलों की निगरानी कर सके। इसीलिए मकोका सेल का गठन किया गया है। हर मकोका मामले का डाटाबेस भी बनेगा।

संगठित अपराध सिंडिकेट या गिरोह द्वारा की जाने वाली आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम और नियंत्रण तथा उनसे निपटने और उनसे जुड़े या उनके आनुषंगिक मामलों के लिए विशेष प्रावधान करने वाला मकोका अधिनियम मुंबई में सबसे पहले 1999 में लागू किया गया था। मुंबई के बाद गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में भी यह कानून लागू किए गए।
मकोका का मामला दर्ज करते समय पांच शर्तें होनी चाहिए पूरी

  • ऐसा अपराध, जो दो या दो से अधिक लोगों वाले सिंडिकेट द्वारा किया गया हो।
  • गैरकानूनी गतिविधियों का एक सतत पैटर्न हो।
  • हिंसक आचरण, धमकी, भय या जबरदस्ती करने का तरीका अपनाया हो।
  • स्वयं या दूसरों के लिए आर्थिक लाभ या अन्य लाभ प्राप्त किए गए हों।
  • आरोपियों के खिलाफ 10 वर्षों में एक से अधिक आरोपपत्र दाखिल किए गए हों।


मकोका की धारा को या तो मौजूदा प्राथमिकी में जोड़ा जा सकता है या अलग से दर्ज किया जा सकता है। अगर इसे अलग से दर्ज किया जाता है, तो आरोपियों के लंबे समय तक जेल में रहने की संभावना बढ़ जाती है। मकोका का इस्तेमाल शुरुआत में दिल्ली में चोरी, डकैती और सट्टेबाजी में शामिल कई गिरोहों के खिलाफ किया गया था, लेकिन वे सभी मामले अदालत में नहीं टिक पाए।

एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि उस समय यह प्रावधान दिल्ली पुलिस के लिए नए थे, लेकिन अब हम जानते हैं कि इस शक्तिशाली अधिनियम का इस्तेमाल कैसे और कहां करना है।
दिल्ली में इन गैंगस्टरों के गिरोह हैं सक्रिय

मकोका के प्रावधान विदेश या जेल से सक्रिय गैंग्स्टरों को निशाना बनाने के लिए उपयुक्त है। विदेश में बैठे गैंग्स्टरों के सहयोगियों द्वारा व्यापारियों पर जबरन वसूली और गोलीबारी की बढ़ती घटनाएं दिल्ली पुलिस के लिए बड़ा सिरदर्द बन गई है।

इन गिरोहों में लारेंस बिश्नोई, रोहित गोदारा, गोल्डी बरार, कपिल सांगवान, हाशिम बाबा, जतिंदर मान उर्फ गोगी और टिल्लू ताजपुरिया जैसे गिरोह शामिल हैं। स्पेशल सेल की नई दिल्ली रेंज वर्तमान में इन अपराध गिरोहों के खिलाफ मकोका के पांच मामलों को संभाल रही है।

गिरोहों के हिस्से के रूप में काम करने वाले अपराधियों से जुड़े साइबर धोखाधड़ी के मामले भी मकोका के दायरे में आते हैं। मकोका सेल की स्थापना से पहले पुलिस इस कानून को विदेश से सक्रिय

2016 में तत्कालीन पुलिस आयुक्त आलोक कुमार वर्मा ने इंस्पेक्टरों और एसीपी को ऐसे आरोपपत्र तैयार करने का प्रशिक्षण देने के लिए संयुक्त पुलिस आयुक्त स्तर के एक अधिकारी को नियुक्त किया था। वर्मा ने यह निर्देश तब जारी किया जब मकोका के तहत दायर कई हाई-प्रोफाइल मामलों में आरोपपत्र अदालतों को संतुष्ट करने में विफल रहे।

इस साल की शुरुआत में कड़कड़डूमा अदालत ने हाशिम बाबा के एक शूटर को इस आधार पर जमानत दे दी थी कि पुलिस द्वारा लगाया गया मकोका इस मामले पर लागू नहीं होता। मकोका मामले में पुलिस के लिए यह पहला झटका नहीं था।

दरअसल, 2002 से, जब राष्ट्रीय राजधानी में मकोका का इस्तेमाल शुरू हुआ, पुलिस इस कानून के तहत केवल एक मामले में ही दोषसिद्धि हासिल कर पाई। जिसमें गोगी गिरोह के पांच सदस्यों ने अदालत में अपना अपराध स्वीकार किया और उन्हें पांच-पांच साल की जेल और पांच-पांच लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई।

यह भी पढ़ें- VIDEO: निजामुद्दीन स्टेशन पर Vande Bharat बनी कुश्ती का मैदान, बेल्ट और डस्टबिन लेकर भिड़ा पैंट्री स्टाफ
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

LHC0088

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

610K

Credits

Forum Veteran

Credits
66593