राष्ट्रव्यापी अभियान ‘आपकी पूंजी आपका अधिकार’ का तीसरा चरण एक नवंबर से शुरू होगा  
 
  
 
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : उत्तर प्रदेश के बैंकों में 3.13 करोड़ खाते ऐसे हैं जो वर्षों से निष्क्रिय पड़े हैं। इन खातों में लोगों के 9127.99 करोड़ रुपये जमा हैं। बैंक इन खातों के दावेदारों अथवा वारिसों की तलाश कर रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
इसके लिए वित्त मंत्रालय भारत सरकार के राष्ट्रव्यापी अभियान ‘आपकी पूंजी आपका अधिकार’ का तीसरा चरण एक नवंबर से शुरू होगा। जिसमें यूपी के 12 जिलों में जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे। लोगों को बताया जाएगा कि यदि किसी वित्तीय संस्थान में उनकी बिना दावे वाली संपत्तियां हैं तो वह उसे कैसे प्राप्त कर सकते हैं।  
 
अनुमान है कि अन्य वित्तीय संस्थाओं जैसे बीमा, शेयर, म्युचुअल फंड आदि में जमा धनराशि को भी जोड़ लिया जाए तो यूपी में कम से कम 15,000 करोड़ रुपये लोगों के इन वित्तीय संस्थाओं में होंगे, जानकारी के अभाव में लोग इन पैसों को पाने का प्रयास नहीं कर रहे हैं।  
 
राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) के संयोजक बैंक आफ बड़ौदा लखनऊ अंचल के प्रमुख शैलेंद्र कुमार सिंह ने शुक्रवार को अभियान की जानकारी दी और बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर यह अभियान एक अक्टूबर से 31 दिसंबर तक चलाया जा रहा है। 15 अक्टूबर को मथुरा और 17 अक्टूबर को अलीगढ़ में शिविर लगाए गए थे। एक नवंबर से शुरू होने वाले तीसरे चरण के अभियान में बाराबंकी, फिरोजाबाद, गोंडा, हरदोई, खीरी, कुशीनगर, मऊ, मीरजापुर, शाहजहांपुर, सीतापुर, सोनभद्र और सुल्तानपुर में जिले में शिविर लगाए जाएंगे।   
 
बिना दावे वाली वित्तीय संपत्तियों की सूची शिविर में रहेगी  
 
शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया है कि इन शिविरों में बिना दावे वाली बैंक जमाओं, शेयर, लाभांश, मम्युचुअल फंड, बीमा दावों आदि की सूची उपलब्ध रहेगी। बैंकों के साथ ही अन्य सभी वित्तीय संस्थाओं के प्रतिनिधि मौके पर रहेंगे। यदि किसी व्यक्ति को लगता है उनका या उनके परिवार में किसी व्यक्ति की बिना दावे वाली वित्तीय संपत्ति हो सकती है तो वह शिविर में अपना व संबंधित का नाम बताकर जानकारी ले सकते हैं। सूची में नाम मिल जाता है तो मौके पर ही फार्म भरकर भुगतान का दावा कर सकेंगे। 
फार्म के साथ नाम व पते की पहचान के लिए आधार, पासपोर्ट या ऐसे अन्य दस्तावेजों की प्रति देनी होगी। यदि किसी वित्तीय संपत्ति के कई दावेदार हैं तो वे आपसी सहमति से दावा कर सकते हैं। विवादित वित्तीय संपत्तियों का दावा कानूनी प्रक्रिया के तहत ही किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि वित्त मंत्रालय का निर्देश है कि नागरिकों के बचाए गए एक-एक रुपये का दावा वे स्वयं या उनके कानूनी उत्तराधिकारी और नामांकित व्यक्ति कर सकें।  
 
शिविर में विशेष प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाएगा। जिसमें बैंकों के साथ ही अन्य वित्तीय संस्थाओं के स्टाल लगेंगे। गौरतलब है कि आरबीआइ के निर्देश पर प्रदेश में एक जुलाई से ही वित्तीय साक्षरता का अभियान भी चल रहा है। जिसमें निष्क्रिय खातों को सक्रिय कराने के साथ ही दस साल से अधिक समय से निष्क्रिय खातों (डेफ एकाउंट) में जमा पैसे निकालने की जानकारी लोगों को दी जा रही है। यह अभियान 31 अक्टूबर तक है। 57,607 पंचायतों में इस अभियान के तहत शिविर लगाए जा चुके हैं।  
 
निष्क्रिय बैंक खाते और उनमें जमा धनराशि वाले शीर्ष दस जिले  
 
जिला          खातों की कुल संख्या    जमा रुपये करोड़ में 
 
लखनऊ         10,78,826             620.97 
कानपुर नगर      9,33,684             400.36 
प्रयागराज          8,42,931             360.68 
वाराणसी           8,26,648             299.70 
गाजियाबाद        6,25,944             275.45 
आजमगढ़         10,03,682            270.52 
जौनपुर            10,86,975            268.72 
आगरा              7,99,515             267.93 
गोरखपुर            6,97,874             259.37 
गाजीपुर             8,77,933             242.74 |