कर्नाटक में आरएसएस की गतिविधियों पर लगेगी रोक।   
 
  
 
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए नियम बनाने का फैसला किया है। इन गतिविधियों में सड़कों पर मार्च करना और सार्वजनिक व सरकारी स्थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन करना शामिल है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
प्रदेश कैबिनेट ने यह फैसला सूचना एवं जैव प्रौद्योगिकी मंत्री प्रियांक खरगे द्वारा मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को लिखे गए पत्र के कुछ दिनों बाद लिया है। उक्त पत्र में प्रियांक ने संघ और उससे जुड़े संगठनों की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। सिद्दरमैया सरकार ने इस मामले में भाजपा के किसी भी हमले का जवाब देने के लिए तत्कालीन भाजपा सरकार का 2013 का एक सर्कुलर भी जारी किया, जिसमें स्कूली परिसरों और उससे जुड़े खेल के मैदानों का इस्तेमाल सिर्फ शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए सीमित कर दिया गया था।  
प्रियांक खरगे ने क्या कहा?  
 
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के पुत्र प्रियांक ने गुरुवार को कहा, \“\“हम किसी भी संगठन को नियंत्रित नहीं कर सकते, लेकिन अब से आप सार्वजनिक स्थानों या सड़कों पर जो चाहें वह नहीं कर सकते।\“\“ कैबिनेट बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, \“\“आपको जो कुछ भी करना है, वह सरकार से अनुमति लेने के बाद ही करना होगा। यह सरकार पर निर्भर करेगा कि वह ऐसी गतिविधियों को अनुमति प्रदान करे या नहीं।  
 
प्रियांक ने कहा, \“अनुमति देने के मानक हैं। आप सिर्फ अधिकारियों को बताकर सड़क पर लाठी लहराते हुए नहीं चल सकते या पथ संचलन नहीं कर सकते। ये सभी चीजें उन नियमों का हिस्सा होंगी जो हम लाने जा रहे हैं।\“\“ उन्होंने कहा, \“\“हम जो नियम लाना चाहते हैं, वे सार्वजनिक स्थानों, सरकारी स्कूलों, कालेजों, सरकारी स्थलों, सरकारी स्वामित्व वाले एवं सहायता प्राप्त संस्थानों के बारे में हैं। हम गृह विभाग, विधि विभाग एवं शिक्षा विभाग के पिछले आदेशों को मिलाकर एक नया नियम बनाएंगे। कानून एवं संविधान के दायरे में अगले दो-तीन दिनों में नया नियम लागू हो जाएगा।\“\“  
सीएम से सरकारी कर्मियों को संघ की गतिविधियों में हिस्सा लेने से रोकने की अपील  
 
प्रियांक खरगे ने मुख्यमंत्री सिद्दरमैया से सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को संघ और ऐसे दूसरे संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों एवं गतिविधियों में हिस्सा लेने से सख्ती से रोकने की अपील की है। इसके लिए उन्होंने कर्नाटक लोक सेवा (आचरण) नियमों का हवाला दिया है। 13 अक्टूबर को लिखे पत्र में प्रियांक ने नियमों की पंक्तियां कोट की थीं।  
 
इसके मुताबिक कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी राजनीतिक दल या ऐसे किसी भी संगठन का सदस्य नहीं होगा, या उससे नहीं जुड़ेगा जो राजनीति में हिस्सा लेता हो; न ही किसी राजनीतिक आंदोलन या गतिविधि में हिस्सा लेगा, न ही उन्हें चंदा देगा अथवा किसी और तरीके से मदद करेगा।  
 
उन्होंने कहा, हालांकि इस बारे में स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद हाल में यह देखा गया है कि सरकारी अधिकारी व कर्मचारी आरएसएस और ऐसे दूसरे संगठनों के कार्यक्रमों व गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं।  
 
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)  
 
यह भी पढ़ें: Karnataka: \“RSS के कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारियों के जाने पर लगे बैन\“, प्रियांक खरगे ने CM को लिखा खत |   
                
                                                    
                                                                
        
 
    
                                     
 
 
 |