वापस राज्यसभा जाएंगे उपेंद्र कुशवाहा  
 
 
  
 
  
 
राज्य ब्यूरो, पटना। एनडीए में अपनी हैसियत के अनुरूप सीटें न मिलने से राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा लगातार नाराज चल रहे थे। बात यही नहीं रुकी। बंटवारे में मिली महुआ सीट छीने जाने के बाद उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। बात बढ़ता देख गृह मंत्री अमित शाह मैदान में उतरे और फिर चंद मिनटों में ही बात बन गई और कुशवाहा भी मान गए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
 
असल में उपेंद्र कुशवाहा महुआ सीट से अपने पुत्र को मैदान में उतारना चाहते थे। परंतु लोजपा आर ने सीट अपने कब्जे में कर ली। जिसके बाद नाराज कुशवाहा ने एनडीए उम्मीदवारों के नामांकन का बहिष्कार करने का निर्णय ले लिया। यही नहीं आगे की रणनीति बनाने के लिए उन्होंने पार्टी की बैठक भी बुला ली। बात जब अमित शाह के कानों तक पहुंची तो मान मनौव्वल का दौर शुरू हुआ। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को जिम्मा सौंपा गया कि वे कुशवाहा को दिल्ली तक लेकर आए।  
 
 
इसके बाद बुधवार की सुबह नित्यानंद राय कुशवाहा को लेकर दिल्ली पहुंच गए। शाह-कुशवाहा के बीच करीब 45 मिनटों की बातचीत के बाद कुशवाहा आखिर मान गए। रालोमो सूत्रों ने बताया कि शाह ने उपेंद्र कुशवाहा को आश्वस्त किया है कि उन्हें राज्यसभा में एक और मौका दिया जाएगा। यहां बता दें कि कुशवाहा का राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल अप्रैल 2026 तक है।  
 
इसके अलावा उनकी पार्टी को विधान परिषद की एक सीट भी दी जाएगी। स्वयं कुशवाहा ने आधिकारिक रूप से बयान जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी को विधान परिषद की एक सीट आवंटित होगी। दो दो लाभ मिलने के बाद कुशवाहा आखिरकार मान गए हैं और उन्होंने अपने नेताओं को एनडीए उम्मीदवारों के नामांकन में शामिल होने पर लगी रोक हटा ली ली है। |