UP के 75 जिलों में पोस्टेड DM, SP और अन्य IAS-IPS को कौन देता है सैलरी? मोदी या योगी सरकार  
 
  
 
नई दिल्ली। IAS IPS salary in UP: 7वां वेतन आयोग अपने अंतिम चरण में हैं। लेकिन अब तक 8वें वेतन आयोग को लेकर ये बात क्लियर नहीं हो पाई है कि आखिर यह आयोग कब से लागू होगा। दिवाली से पहले केंद्र सरकार ने 7वें वेतन आयोग के तहत डीए में अंतिम बार बढ़ोतरी की है। सैलरी में बढ़ोतरी और आयोग के चर्चा के बीच बहुत से लोगों के मन में एक सवाल उठ रहा है कि आखिर किसी राज्य में कार्यरत एक आईएएस या आईपीएस की सैलरी कौन सी सरकार देती है? इस प्रश्न को उदाहरण से समझें तो हम उत्तर प्रदेश के जिलों से समझते हैं। जैसे उत्तर प्रदेश में 75 जिले हैं। सभी जिलों में डीएम होंगे। वहीं, पुलिस विभाग में किसी जिला का या तो SP होगा या फिर कमिश्नर। क्योंकि यूपी के कुछ ही जिलों में कमिश्नरेट प्रणाली (Commissionerate System) लागू है। हम अपने सवाल को ऐसे भी कह सकते हैं कि आखिर UP के 75 जिलों में पोस्टेड DM, SP और अन्य IAS-IPS को कौन देता है सैलरी? मोदी सरकार या फिर राज्य की योगी सरकार। आइए इसी सवाल का जवाब जानने की कोशिश करते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
कौन देता है IAS-IPS को सैलरी?  
 
आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के लिए वेतन संरचना केंद्र सरकार निर्धारित करती है, लेकिन जिस राज्य सरकार में अधिकारी तैनात है, वह वेतन देने के लिए जिम्मेदार होती है। केंद्र सरकार मूल वेतन और भत्ते निर्धारित करती है, जबकि कैडर पोस्टिंग के दौरान अधिकारी को वास्तविक भुगतान के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होती है।  
 
केंद्रीय वेतन आयोग के माध्यम से वेतन संरचना और भत्ते निर्धारित करता है। मूल वेतन, महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA), और अन्य भत्ते समान स्तर के सभी अधिकारियों के लिए मानकीकृत होते हैं।  
 
जब कोई IAS या IPS अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर होता है, तो उसका वेतन उस सरकार द्वारा दिया जाता है जिसके लिए वह वर्तमान में कार्यरत है। यदि प्रतिनियुक्ति केंद्र सरकार के किसी पद पर है तो केंद्र सरकार द्वारा, या यदि प्रतिनियुक्ति राज्य के भीतर किसी पद पर है तो राज्य सरकार द्वारा। वह आधिकारिक सरकारी निकाय जिसके पास अधिकारी की सेवाएँ हैं, उनके वेतन के लिए जिम्मेदार होता है।  
अधिकतम कितना है IAS और IPS का वेतन?  
 
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) दोनों के अधिकारी अपने करियर की शुरुआत ₹56,100 प्रति माह के मूल वेतन से करते हैं, जिसमें यात्रा भत्ता (TA), महंगाई भत्ता (DA), और मकान किराया भत्ता (HRA) जैसे भत्ते शामिल नहीं हैं। जैसे-जैसे वे अपने करियर में आगे बढ़ते हैं, रैंक और वरिष्ठता के आधार पर उनके वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। आईएएस अधिकारियों का उच्चतम वेतन 2,50,000 रुपये प्रति माह तक जा सकता है, और वरिष्ठता और रैंक के स्तर के आधार पर आईपीएस अधिकारियों का उच्चतम वेतन 2,25,000 रुपये प्रति माह तक जा सकता है।  
 
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