deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

भगवान शिव की क्रोधाग्नि से हुआ था इस राक्षस का जन्म, वध के लिए चलनी पड़ी ये चाल

deltin33 2025-10-15 19:07:29 views 313

  

story of Jalandhar vadh in hindi



धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म ग्रंथों में ऐसी कई पौराणिक कथाएं मिलती हैं, जो व्यक्ति को चकित करने के साथ-साथ संदेश भी देती हैं। आज हम आपको एक ऐसी पौराणिक कथा बताने जा रहे हैं, जिसके अनुसार, भगवान शिव से उत्पन्न हुए एक रासक्ष का बल इतना बढ़ गया कि उसके विनाश के लिए एक चाल का सहारा लेना पड़ा। चलिए जानते हैं यह रोचक कथा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
क्या है पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार महादेव कामदेव पर बहुत क्रोधित हो गए। उनके क्रोध से संसार भस्म न हो जाए, इसलिए उन्होंने अपनी क्रोधाग्नि को समुद्र में डाल दिया। इससे समुद्र से एक बालक की उत्पत्ति हुई, जिसके रोने की आवाज इतनी तेज थी, कि उससे पूरा संसार बहरा हो गया। तब उस बालक को ब्रह्मा जी ने अपनी गोद में उठा लिया। ब्रह्मा जी ने बालक का नाम जलंधर रखा।

  

(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
वृंदा से हुआ विवाह

बड़ा होकर जलंधर एक बलशाली राक्षस बना, जिसका विवाह वृंदा से हुआ। वृंदा एक पतिव्रता नारी थी, जिस कारण जलंधर की शक्तियां और भी बढ़ गईं। असुर की पुत्री होने के बाद भी वृंदा भगवान विष्णु की परम भक्त थी। अपनी शक्तियों के घमंड में चकनाचूर होकर वह पार्वती जी को पाने की इच्छा करने लगा। इसी कारण भगवान शिव और जलंधर के बीच अत्यंत भयंकर युद्ध हुआ। लेकिन वृंदा के पतिव्रता धर्म के कारण शिव जी का उसपर विजय पाना मुश्किल हो रहा था।

  

(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
भगवान विष्णु ने लिया ये रूप

ऐसे में भगवान विष्णु को एक युक्ति सूझी और उन्होंने जलंधर का रूप धारण किया। इस रूप में वह वृंदा के पास गए और वृंदा उनके साथ पति जैसा व्यवहार करने लगी। इससे वृंदा का पतिव्रता धर्म भंग हो गया और महादेव ने जलंधर पर विजय प्राप्त कर उसका वध कर दिया। यह सब जानने के वृंदा ने आत्मदाह कर लिया और उसकी राख से एख तुलसी पौधे उत्पन्न हुआ। इस प्रकार वृंदा तुलसी के रूप में पूजी जाने लगी।

यह भी पढ़ें - ये हैं मां दुर्गा के प्रमुख शक्तिपीठ, जहां दर्शन करने से सभी बाधाओं से मिलती है मुक्ति

यह भी पढ़ें- Lord Shani: शनिदेव की द्दष्टि क्यों होती है अमंगलकारी? जानिए इसके पीछे की पौराणिक कथा

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

deltin33

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

610K

Credits

administrator

Credits
68694
Random