सुमन सेमवाल, देहरादून: विश्व आज उस दौर में खड़ा है, जहां वनों पर सर्वाधिक दबाव है। इससे वनों की क्षति के साथ ही वहां वास करने वाले वन्यजीवों के अस्तित्व पर भी संकट गहराता जा रहा है। हालांकि, इन चुनौतियों के बीच भारत के अरुणाचल प्रदेश से सांप, छिपकलियों और मेंढकों की 12 ऐसी प्रजातियां मिली हैं, जिनसे दुनिया अब तक अनभिज्ञ थी। इन्हें पहली बार भारतीय वन्यजीव संस्थान ने खोजा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआइआइ) के वरिष्ठ विज्ञानी डा अभिजीत दास के अनुसार नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी (अंतरराष्ट्रीय एजेंसी) ने उन्हें अपने एक्सप्लोरर के रूप में चुना। जिसके तहत उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के वर्षा वनों में वन्यजीवों की पहचान आदि की दिशा में काम किया।  
 
यहां के वन काफी हद तक अछूते हैं। लिहाजा, उम्मीद के अनुसार यहां सांप, छिपकलियों और मेंढकों की 12 ऐसी प्रजातियां पाई गईं, जो विश्वभर में पहले कभी भी किसी रूप में दर्ज नहीं थीं।  
 
इस खोज के बाद अब नई प्रजातियों के संरक्षण की चुनौती बढ़ गई है। क्योंकि, वनों पर बढ़ते दबाव के बीच ऐसी दुर्लभ प्रजातियों को बचाया जाना आवश्यक है। अरुणाचल प्रदेश में शोध कार्य अभी जारी है। ऐसे में उम्मीद है कि कुछ और नई प्रजातियों की जानकारी समाने आ सकती है।  
 
इन प्रजातियों की खोज  
 
छिपकली : नमदाफा बेंट टोड गेको, किफिरे बेंट टोड, सियांग वैली बेंट टोड, बरेल हिल्स बेंट टोड, नगेनपुरी बेंट टोड गेको, मणिपुर बेंट टोड गेको। 
 
मेढक : पटकाई ग्रीन ट्री फ्राग, म्यूजिक फ्राग, ब्रुक्स ड्वार्फ फ्राग, सुजेंस करैट, बाइबैंग कैसकेड फ्राग 
सांप : जयूस माउंटेन पिट वाइपर |