प्रतीकात्मक तस्वीर।  
 
  
 
मदन पांचाल, गाजियाबाद। स्वास्थ्य विभाग की सख्ती के बाद भी शहर की अनेक काॅलोनियों में दूषित पानी की आपूर्ति लगातार की जा रही है। मलिन बस्तियों से लेकर सोसायटी का पानी जांच में दूषित मिल रहा है। सोसायटी के साथ ही नगर निकाय भी इस संबंध में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
स्वास्थ्य विभाग जरूर अपना सालाना लक्ष्य पूरा करने के लिए हर महीने 100 से 200 पानी के नमूने लेकर जांच के लिए भेज देता है और जांच में दूषित पानी मिलने पर संबंधित को नोटिस जारी करने के बाद फाइल को बंद कर देते हैं।  
 
हर महीने 30 से 40 पानी के नमूने जांच में दूषित मिल रहे हैं। यह जांच भी तब की जाती है जब तक लोग पानी पीकर बीमार हो जाते हैं। विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी से लेकर सितंबर महीने तक पानी के कुल 1420 नमूने लेकर जांच को प्रयोगशाला में भेजे गये।  
 
इनमें से 411 नमूने जांच में असंतोषजनक एवं दूषित पाये गये। कई नमूनों में सीवर का पानी तक मिला हुआ पाया गया। एक हजार से अधिक नमूने जांच में पास तो मिले लेकिन संबंधित क्षेत्रों में शिविर लगाकर बीमार लोगों की जांच करानी पड़ी। पचास से अधिक सोसायटियों में लगातार पानी के नमूने जांच में फेल मिल रहे हैं।  
 
स्थलीय निरीक्षण करने पर पानी की टंकियों की नियमित सफाई न होना, टैंकों की सफाई न होना, क्लोरीनेशन का इंतजाम न होना,साफ सफाई का मेंटेनेंस विभाग के पास रिकार्ड न मिलना और पानी के फिल्टरेशन की व्यवस्था न होना पाया गया है। जिला एमएमजी अस्पताल के फिजिशयन डाॅ. आलोक रंजन का कहना है कि ओपीडी में प्रतिदिन दूषित पानी पीने से पेट में संक्रमण के मरीजों की संख्या 50 से 100 के बीच पहुंच रही है।  
जनवरी से सितंबर तक जिले में हुई पानी की जांच का विवरण  
| माह  | कुल नमूने  | पास | फेल |  | जनवरी  | 152  | 79  | 73 |  | फरवरी   | 148 | 104  | 44 |  | मार्च  | 134  | 106  | 28 |  | अप्रैल  | 149  | 127  | 22 |  | मई  | 239  | 156  | 83 |  | जून  | 182  | 127  | 55 |  | जुलाई  | 162  | 109  | 53 |  | अगस्त  | 150  | 114  | 36 |  | सितंबर  | 104  | 87  | 17 |     
इन सोसायटियों का पानी जांच में मिला दूषित   
  
“ब्लू मून, केडब्ल्यू सृष्टि, निलाया ग्रीन,क्रासिंग रिपब्लिक,रिवर हाइट्स, औरा कायमेरा, मरीना सूटस सोसायटी में शिकायत के आधार पर पानी के नमूने जांच में असंतोषजनक मिलने पर संबंधित सोसायटी के मेंटेनेंस प्रबंधक अथवा एओए के अध्यक्ष को नोटिस जारी करके स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के निर्देश दिये जाते हैं। प्रतिलिपि संबंधित नगर निकाय अथवा प्राधिकरण को भेजी जाती है।“  
  
-डाॅ. आरके गुप्ता, जिला सर्विलांस अधिकारी   
 
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