पंजाब में डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है, जहाँ 1,616 लोग संक्रमित पाए गए हैं (प्रतीकात्मक फोटो)  
 
  
 
नितिन धीमान, अमृतसर। राज्य में डेंगू ने फिर से लोगों की नींद उड़ा दी है। चुपके से हमला करने वाला एडीज एजिप्टी मच्छर इस बार और भी ज्यादा सक्रिय हो गया है। राज्यभर में अब तक 1,616 लोग डेंगू से और 136 लोग चिकनगुनिया से संक्रमित हो चुके हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पटियाला जिला सबसे अधिक प्रभावित है, जहां अब तक 290 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, लुधियाना में 178 मरीजों के साथ यह राज्य का दूसरा सबसे प्रभावित जिला बन गया है।  
 
विशेषज्ञों का कहना है कि डेंगू का मच्छर मुख्य रूप से जुलाई से लेकर नवंबर के बीच सक्रिय रहता है। इस बार बाढ़ और भारी वर्षा ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। कई इलाकों में पानी के ठहराव ने मच्छरों के प्रजनन को बढ़ावा दिया है।  
 
अक्टूबर में भी मच्छरों के लारवा पाए जा रहे हैं, जिससे यह आशंका है कि आने वाले हफ्तों में मामलों में और वृद्धि हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार संगरूर में 24 डेंगू और 35 चिकनगुनिया के मामले सामने आए हैं। विभाग द्वारा राज्य भर में 40,000 से अधिक डेंगू टेस्ट किए जा चुके हैं।  
डेंगू वायरस के प्रकार  
 
डेंगू वायरस के चार प्रकार होते हैं। इनमें डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4। इस समय जो वेरिएंट सबसे अधिक देखा जा रहा है, वह है डीईएनवी-2, जिसे सबसे खतरनाक प्रकार माना जाता है। यह वेरिएंट तेज बुखार के अलावा उल्टी, पेट दर्द, रक्तस्राव, बेचैनी और मानसिक भ्रम जैसे गंभीर लक्षण उत्पन्न करता है।  
 
सही समय पर इलाज न मिलने की स्थिति में यह डेंगू हैमरेजिक सिंड्रोम और डेंगू शाक सिंड्रोम जैसी जानलेवा स्थितियों का कारण बन सकता है। डेंगू का प्रभाव तापमान 16 डिग्री तक न होने तक जारी रहेगा। तापमान गिरते ही यह स्वत: खत्म हो जाएगा।  
 
स्वास्थ्य विभाग लगातार लोगों को सतर्क कर रहा है और जनसहभागिता पर जोर दे रहा है। लोगों से अपील की गई है कि वे अपने घरों और आसपास कहीं भी पानी जमा न होने दें। हर सप्ताह कूलर, बर्तन, फूलदान, बर्डबाथ आदि को साफ करें और मच्छर-रोधी क्रीम व स्प्रे का उपयोग करें।  
 
अगर किसी व्यक्ति को लगातार दो दिन तक तेज बुखार रहे तो उसे तुरंत डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। डेंगू की जांच के लिए सरकार ने सभी 882 आम आदमी क्लीनिकों और जिला अस्पतालों में एलाइजा (एनएसवन आईजीएम) टेस्ट निशुल्क उपलब्ध करवाया है। 
डॉ. स्वर्णजीत धवन, सिविल सर्जन 
 
स्वास्थ्य विभाग ने निजी लैबों के लिए डेंगू टेस्ट की अधिकतम कीमत 600 तय की है, लेकिन राज्यभर से शिकायतें मिल रही हैं कि कई निजी प्रयोगशालाएं 700 से एक हजार रुपये तक वसूल रही हैं। यह स्पष्ट रूप से सरकारी निर्देशों का उल्लंघन है।  
 
हालांकि विभाग ने कई बार इन लैब्स को चेतावनी दी है, फिर भी मनमानी जारी है। लोगों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक रूप से अधिक शुल्क न चुकाएं और टेस्ट केवल सरकारी अथवा अधिकृत प्रयोगशालाओं में ही करवाएं। 
 
जनता से अपील  
 
घर और आसपास पानी जमा न होने दें 
मच्छर-रोधी क्रीम, काइल और नेट का प्रयोग करें 
तेज बुखार, शरीर दर्द या उल्टी की स्थिति में तुरंत डाक्टर से संपर्क करें 
डेंगू जांच के लिए सरकारी क्लीनिक और अस्पतालों में जाएं 
 
जिला डेंगू संक्रमित मिले चिकनगुनिया  
 
अमृतसर 29 16 
बरनाला 49 4 
बठिंडा 108 3 
फरीदकोट 81 6 
फतेहगढ़ साहिब 89 0 
फाजिल्का 75 0 
फिरोजपुर 37 3 
गुरदासपुर 64 1 
होशियारपुर 87 8 
जालंधर 46 0 
कपूरथला 65 10 
लुधियाना 178 0 
मानसा 25 24 
मालेरकोटला 50 0 
मोगा 50 0 
पठानकोट 69 1 
पटियाला 290 17 
रूपनगर 24 0 
एसएएस नगर 76 3 
एसबीएस नगर 23 0 
संगरूर 24 35 
श्री मुक्तसर साहिब 46 1 
तरनतारन 31 0 
आम आदमी क्लीनिक 5 0 
कुल 1616 136 |