संतकबीरनगर डीएम आलोक कुमार। जागरण   
 
  
 
जागरण संवाददाता, संतकबीर नगर। डीएम ने इंटीग्रेटेड ग्रिवेंस रीड्रेसल सिस्टम(आइजीआरएस)पोर्टल पर प्राप्त होने वाले शिकायती प्रार्थना पत्रों के निस्तारण में लापरवाही मिलने पर प्रभारी डीपीआरओ,बखिरा के ईओ समेत छह अधिकारियों का तत्काल प्रभाव से वेतन बाधित कर दिया है।  
 
वहीं 34 अन्य अधिकारियों को स्पष्टीकरण जारी कर उनसे जवाब मांगा है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी। बहरहाल डीएम के कड़े तेवर से जिले के अधिकारियों में खलबली मची हुई है।  
 
जन शिकायतों का समय से व गुणवत्ता के साथ निस्तारण किया जाना शासन की प्राथमिकता में शामिल है। शासन स्तर पर आनलाइन समीक्षा कर जनपदवार रैंकिंग प्रदान की जाती है। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही किसी स्तर से न हो,इसके लिए डीएम नियमित रूप से आइजीआरएस पोर्टल पर आने वाली शिकायतों व उसके निस्तारण की समीक्षा करते रहते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
यह भी पढ़ें- संतकबीरनगर में चलती गाड़ी रोककर युवक को पीटा, मुंह में पिस्टल डाली; जांच में जुटी पुलिस   
 
कमियां मिलने पर संबंधित विभाग के अधिकारियों को चेताया करते हैं। इसके बाद भी शिकायती के निस्तारण की गुणवत्ता में लापरवाही मिलने,शिकायतकर्ताओं की संतुष्टि का फीडबैक खराब मिली है। इस पर प्रभारी डीपीआरओ मनोज कुमार,औषधि निरीक्षक प्रीति सिंह, चकबंदी अधिकारी धनघटा किसलय द्विवेदी,बखिरा के ईओ आदित्य प्रकाश, खंड शिक्षा अधिकारी-बेलहरकला अनीता तिवारी व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र(पीएचसी)-पौली के चिकित्सा प्रभारी डा.राकेश चंद्र आदि छह अधिकारियों का अक्टूबर के वेतन निकासी पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इसके लिए वरिष्ठ कोषाधिकारी त्रिभुवन लाल को पत्र जारी कर दिया गया है। वहीं 34 अन्य अधिकारियों को स्पष्टीकरण जारी कर दिया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी।  
 
   
  
फरियादियों के संतुष्टि का फीडबैक 50 प्रतिशत से कम पाए जाने व प्रकरण का निर्धारित समय-सीमा में निस्तारण न करने पर डिफाल्टर की श्रेणी में जाने पर छह अधिकारियों का वेतन बाधित किया गया है। वहीं 34 अधिकारियों को स्पष्टीकरण जारी कर जवाब मांगा गया है।   -  
 
-आलोक कुमार-डीएम |