deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

अगर सजा मिली तो लालू परिवार के साथ कितने और नपेंगे, समझिए IRCTC घोटाले में किसका-कितना गुनाह?

cy520520 2025-10-13 21:07:36 views 488

  

बिहार चुनाव से पहले लालू परिवार को आईआरसीटीसी घोटाले में झटका लगा है।



जागरण टीम, नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली के राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने आज (सोमवार) आईआरसीटीसी होटल भ्रष्टाचार मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 120 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) के तहत आरोप तय किए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कुल 14 लोगों के खिलाफ आरोप तय

लेकिन अब सवाल यह है कि लालू परिवार समेत कितने लोगों पर आरोप तय किए गए हैं। लालू प्रसाद यादव मुख्य आरोपी हैं, जिन पर पूरी साजिश रचने का आरोप है। राबड़ी देवी पर ज़मीन सौदे में शामिल होने का आरोप है। तेजस्वी यादव पर पारिवारिक लाभ लेने का आरोप है। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता लालू के करीबी हैं। उनकी पत्नी सुजाता होटल्स की मालिक हैं। आईआरसीटीसी के चार अधिकारी और सुजाता होटल्स के निदेशक भी आरोपी हैं।

कुल 14 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं। अदालत ने कहा कि लालू यादव की जानकारी में साजिश रची गई थी। मामला अब ट्रायल के दौर में है, जहां अदालत दोषसिद्धि और सजा पर फैसला सुनाएगी। बिहार चुनाव से पहले यह मामला लालू परिवार और उनकी पार्टी राजद के लिए एक बड़ा मुद्दा बन सकता है।

उल्लेखनीय है कि यह घोटाला उस समय का है जब लालू यादव 2004 से 2009 के बीच भारत के रेल मंत्री थे। इसमें बीएनआर रांची और बीएनआर पुरी के संचालन और रखरखाव के ठेके देने में कथित भ्रष्टाचार शामिल है। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि इन होटलों के ठेके सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड नामक एक निजी कंपनी को अनुचित तरीके से दिए गए थे।
कथित भ्रष्टाचार इस प्रकार हुआ

सुजाता होटल्स को ठेका मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए निविदा प्रक्रिया में हेराफेरी की गई। बदले में, लालू परिवार से जुड़ी एक फर्जी कंपनी को बहुत कम कीमत पर जमीन दी गई। सीबीआई के अनुसार, रांची में रेडिसन होटल परियोजना के लिए, आईआरसीटीसी ने रेलवे को रियायती दर पर ज़मीन दी। ज़मीन का सर्किल रेट 32 करोड़ रुपये और बाजार मूल्य 94 करोड़ रुपये होने के बावजूद, ज़मीन केवल 65 लाख रुपये में हस्तांतरित की गई।

आरोप है कि रेलवे में ठेकों और नियुक्तियों के बदले जमीन या संपत्ति ली गई, जिसे “नौकरी के बदले जमीन“ मॉडल के रूप में जाना जाता है।
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

cy520520

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

610K

Credits

Forum Veteran

Credits
66500