243 विधानसभा क्षेत्रों में निष्पक्ष चुनाव की तैयारी, आयोग ने शुरू किया प्रशिक्षण कार्यक्रम
- बिहार चुनाव 2025: ईसीआईनेट के जरिए पारदर्शिता बढ़ाने की तैयारी
- बिहार चुनाव से पहले आयोग की बड़ी तैयारी, अधिकारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण शुरू
नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव और उपचुनावों की तैयारियों को मजबूत करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। आयोग ने रिटर्निंग अधिकारियों और सहायक रिटर्निंग अधिकारियों के लिए 9 और 10 अक्टूबर को एक ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान नामांकन प्रक्रिया पर विशेष ध्यान देते हुए ऑनलाइन मूल्यांकन और दुविधा-निवारण सत्र भी शामिल थे। आयोग ने ईसीआईनेट के पीठासीन अधिकारी मॉड्यूल पर जिला निर्वाचन अधिकारियों और रिटर्निंग अधिकारियों को भी ब्रीफ किया।
प्रशिक्षण में 243 रिटर्निंग अधिकारियों और 1418 सहायक रिटर्निंग अधिकारियों ने इस वर्चुअल हिस्सेदारी में भाग लिया। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 21 और 24 के तहत, आयोग प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए रिटर्निंग अधिकारियों को नामित करता है ताकि चुनाव कानूनों और नियमों के अनुसार सुचारू रूप से संपन्न हों। ये अधिकारी आयोग के नियंत्रण और अनुशासन के अधीन रहते हैं।
प्रशिक्षण में नामांकन, उम्मीदवारों की योग्यता-अयोग्यता, आदर्श आचार संहिता (एमसीसी), प्रतीक आवंटन, मतदान दिवस की व्यवस्था और मतगणना जैसे सभी चरणों को शामिल किया गया। राष्ट्रीय स्तर के मास्टर प्रशिक्षक इन सत्रों में अधिकारियों की शंकाओं का समाधान करेंगे, ताकि वे चुनाव प्रक्रिया के लिए पूरी तरह तैयार रहें।
आयोग ने ईसीआईनेट के पीठासीन अधिकारी मॉड्यूल पर भी ब्रीफिंग दी, जिसके जरिए पीठासीन अधिकारी हर दो घंटे में और मतदान समाप्त होने पर ईसीआईनेट ऐप पर वोटर टर्नआउट डेटा अपलोड करेंगे। यह डेटा रिटर्निंग अधिकारी स्तर पर स्वचालित रूप से संकलित होगा, जिससे रियल-टाइम मतदान रुझान उपलब्ध होंगे। मतदान से पहले सभी मतदान केंद्रों पर इस एप्लीकेशन का ट्रायल रन भी होगा। ये सत्र राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा आयोजित प्रशिक्षणों के अतिरिक्त हैं।
उप निदेशक पी. पवन के अनुसार यह पहल बिहार के 243 विधानसभा क्षेत्रों में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए है। बिहार में 2020 के चुनाव में 71 प्रतिशत मतदान हुआ था, और इस बार आयोग डिजिटल तकनीक के जरिए पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर दे रहा है।

Deshbandhu
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