रूस का ये प्रिंटर सबकुछ कर देगा प्रिंट, इस खासियत की वजह से लाया जाएगा भारत

LHC0088 2025-9-25 21:16:39 views 1248
  रूस 3D प्रिंटिंग यानी एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग में दुनिया का अग्रणी देश है।





डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस के हाई-सिक्योरिटी रोसाटॉम एडिटिव टेक्नोलॉजीज सेंटर में एक ऐसी क्रांति जन्म ले रही है, जो रॉकेट, रिएक्टर और शायद भविष्य की तकनीक को नया रूप दे सकती है।

बात हो रही है रूस का सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉन बीम 3D प्रिंटर की जो टाइटेनियम को वेल्ड करता है, तराशता है और अंतरिक्ष मिशन और न्यूक्लियर रिएक्टर्स के लिए सटीक उपकरण बनाता है।

रूस 3D प्रिंटिंग यानी एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग में दुनिया का अग्रणी देश है और अब यह तकनीक भारत की ओर बढ़ रही है। एनडीटीवी के अनुसार, रोसाटॉम स्टेट कॉर्पोरेशन के एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस यूनिट के निदेशक इल्या व्लादिमीरोविच कवेलाश्विली कहते हैं, “ये 3D प्रिंटर इतने उन्नत हैं कि ये मुद्रा नोटों को छोड़कर सबकुछ बना सकते हैं, क्योंकि नोट तो केवल फेडरल बैंक छापता है।“ विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें



जल्द ही यह हाई-टेक प्रिंटर भारत में एक गुप्त स्थान पर स्थापित होगा। इस प्रिंटर की कीमत करीब 20 करोड़ रुपये है।
भारत में \“मेक इन इंडिया\“ की नई उड़ान

भारत ने रूस के साथ 1.5 अरब रूबल्स के बहु-वर्षीय डीलर समझौते किए हैं। इसमें एडिटिव उपकरण और सामग्री की आपूर्ति शामिल है। यह प्रिंटर भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के \“मेक इन इंडिया\“ अभियान को गति देगा। यह मशीन साधारण टाइटेनियम या स्टेनलेस स्टील के तार को लेकर जटिल उपकरण बना सकती है। इसलिए ये अंतरिक्ष और न्यूक्लियर क्षेत्र के लिए अहम हैं।

harry potter,harry potter series,voldemort,female voldemort,woman voldemort, harry potter TV series, Dominic McLaughlin, harry potter bts scene, हैरी पॉटर, हैरी पॉटर टीवी सीरीज

इस प्रिंटर की खासियत है इसकी इलेक्ट्रॉन बीम तकनीक, जो धातु को परत-दर-परत जोड़कर सटीक और मजबूत संरचनाएं बनाती है। यह तकनीक पारंपरिक मशीनिंग से कहीं आगे है, जो धीमी, सामग्री की बर्बादी करने वाली और जटिल डिजाइनों में सीमित है।

यह भी पढ़ें- ट्रंप का मिला साथ तो भारत के विरुद्ध सक्रिय हुई पाकिस्तान-तुर्किये की जोड़ी, इस लॉबी का कश्मीर मुद्दे पर जोर


क्यों खास है 3D प्रिंटिंग?

पारंपरिक मेटलवर्किंग में धातु के ब्लॉक को काटकर, पीसकर या लेथ मशीन से आकार दिया जाता है। इसमें समय और सामग्री दोनों की बर्बादी होती है। इसके विपरीत, 3D प्रिंटिंग यानी एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, डिजिटल ब्लूप्रिंट के आधार पर धातु की परतों को जोड़कर जटिल संरचनाएं बनाती है। यह तकनीक न्यूनतम सामग्री बर्बाद करती है और ऐसे डिजाइन बना सकती है। ये पारंपरिक तरीकों से असंभव हैं।



लेजर मेल्टिंग और इलेक्ट्रॉन बीम मेल्टिंग जैसी उन्नत तकनीकों से धातु के कणों को सूक्ष्म सटीकता के साथ जोड़ा जाता है। इससे बने उत्पाद मजबूत, कम छिद्रयुक्त और उच्च ताप प्रतिरोधी होते हैं।

ये अंतरिक्ष मिशन और न्यूक्लियर रिएक्टर्स के लिए आइडियल हैं। यह तकनीक प्रोटोटाइपिंग को भी तेज करती है। यानी महीनों का काम चंद दिनों में हो जाता है।

यह भी पढ़ें- \“भारत को टारगेट करना गलत...\“, अमेरिका में ही ट्रंप की हो रही किरीकिरी, US एक्सपर्ट ने सुनाई खरी-खरी
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
LHC0088

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1410K

Credits

Forum Veteran

Credits
140114

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com