ब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) तक पहुंचा पौधे उखाड़ने का मामला (File Photo)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। मोहाली जिले के गांव भरतपुर में दो एकड शामलात जमीन से हजारों फल-फूलदार पौधों को बिना अनुमति उखाड़ने का मामला अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) तक पहुंच गया है। इस संबंध में गांव के पूर्व सरपंच हरमेश सिंह ने पत्रकारों के साथ बातचीत में बताया कि मौजूदा ग्राम पंचायत पर गंभीर आरोप लगाए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हरमेश सिंह ने बताया कि गांव की मौजूदा पंचायत ने ग्लास फाउंडेशन एनजीओ की सहायता से लगाए गए 3,300 पौधों को बिना परमिशन उखाड़ दिया गया है। उन्होंने इस मामले की शिकायत पंजाब विजिलेंस तथा अन्य संबंधित अधिकारियों को भी भेजी है।
उनका कहना है कि यह मामला न केवल पर्यावरण सुरक्षा के प्रति लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि सरकारी योजनाओं के तहत लगाए गए पौधों के संरक्षण पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
सिंह ने कहा कि पिछले साल मार्च 2024 में विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए गए थे, जिसका सारा खर्च नरेगा के तहत किया गया था। लेकिन दो साल बाद, नए चुने गए सरपंच सुखविंदर सिंह ने बिना किसी मंजूरी के इन पौधों को उखाड़ने का आदेश दिया। हरमेश सिंह ने बताया कि उन्होंने इस मामले के बारे में आरटीआई डाली थी, जिसमें 8 बिंदुओं पर जवाब मांगे गए थे, लेकिन केवल 5 का ही उत्तर दिया गया।
जब उन्होंने अधिक जानकारी मांगी, तो स्पष्ट हुआ कि ग्राम पंचायत ने बिना अनुमति पौधे उखाड़े। उन्होंने सरकार से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी या पंचायत पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने की हिम्मत न करे। |