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Ghaziabad Pollution: 123 दिन बाद खराब हुई हवा, देश में छठा सबसे प्रदूषित शहर बना गाजियाबाद

Chikheang 2025-10-12 14:06:11 views 146

  

123 दिन बाद जहरीली हुई गाजियाबाद की हवा।



जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। आखिर जिले की हवा 123 दिन बाद फिर से खराब श्रेणी में पहुंच ही गई। शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 242 के साथ देश में गाजियाबाद छठा सबसे प्रदूषित शहर रहा। आसमान में धुंध छाने से लोगों को आंखों में जलन की भी शिकायत रही। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

वहीं, पहले नंबर पर 280 एक्यूआइ के साथ ग्रेटर नोएडा रहा। लोगों का कहना है कि अब वायु प्रदूषित होने का सिलसिला शुरू हो गया है। वहीं, अधिकारियों ने अभी तक वायु प्रदूषण रोकथाम के लिए कोई योजना तैयार नहीं की है।

जिले की हवा अंतिम बार नौ जून को खराब श्रेणी में दर्ज की गई थी। वायु गुणवत्ता सूचकांक 212 दर्ज किया गया था। उससे पहले 31 मई को 218 एक्यूआइ दर्ज किया गया था। जिले की हवा फिर से खराब होने का सिलसिला शुरू हो गया है, लेकिन उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के क्षेत्रीय अधिकारियों के पास अभी कोई योजना नहीं है, वायु प्रदूषण रोकथाम करना तो दूर की बात है। जबकि हर वर्ष सर्दी बढ़ने के साथ ही प्रदूषण का स्तर बढ़ना शुरू हो जाता है।

इसके बाद भी अभी तक कोई योजना नहीं बनाई गई है। वहीं, जिले की आबादी की चिंता बढ़नी भी शुरू हो गई है। लोगों का कहना है कि जब अभी कोई योजना ही नहीं है तो प्रदूषण पर लगाम कैसे लगेगी। हालांकि हर वर्ष बनी योजनाएं भी कागजों में दबकर दम तोड़ देती हैं। यहीं कारण है कि लोगों को इस वर्ष भी अभी तक महज छह दिन ही साफ हवा मिल सकी है। जबकि सात दिन बेहद खराब श्रेणी में रही है।
अधिकारियों को नहीं पता ग्रेप के लिए लागू या नहीं

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की मानें तो एक्यूआइ 200 के पार जाने पर ग्रेप (ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान) के पहले चरण के नियम लागू हो जाते हैं। इसमें जेनरेटर सेट पर रोक, निर्माण कार्य करने के दौरान छिड़काव, सड़कों पर छिड़काव के साथ ही आग की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगानी होती है। लेकिन प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों को ये ही नहीं पता कि जिले में ग्रेप के नियम लागू करने हैं या नहीं।
बीते वर्ष ये चिह्नित किए गए थे हॉटस्पॉट

-साहिबाबाद
-राजनगर एक्सटेंशन
-लोनी
-भोपुरा-दिल्ली बार्डर
-वसुंधरा
-सिद्धार्थ विहार
जिले में ये हैं प्रदूषण के मुख्य कारण

-बड़ी संख्या में अवैध फैक्ट्रियों से निकलता धुआं।
-टूटी सड़कों पर उड़ती धूल।
-वाहनों के अधिक दबाव के कारण जाम।
-उम्र पूरी कर चुके वाहनों का संचालन।
इस वर्ष अभी तक कितने दिन किस श्रेणी में रही हवा

श्रेणी- दिन
शुद्ध -6
संतोषजनक -90
मध्यम -132
खराब -47
बेहद खराब -7
लोगों को इस वर्ष किस माह कितने दिन शुद्ध हवा मिली

जुलाई -तीन
अगस्त -एक
सितंबर -दो
शनिवार को इन शहरों का एक्यूआई सबसे अधिक

शहर एक्यूआई
ग्रेटर नोएडा 280
वापी 276
बुलंदशहर 270
बल्लभगढ़ 258
बिकानेर 256
गाजियाबाद 243


प्रदूषण रोकथाम के लिए पहले से ही विभिन्न स्तरों पर कार्य किया जा रहा है। बैठक कर आगे की योजना भी तैयार की जाएगी। सीएक्यूएम के आदेश आने पर ग्रेप के नियम भी लागू किए जाएंगे। -अंकित सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।

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