पलामू में खुले आम बिक रहा प्रतिबंधित कफ सिरप। सांकेतिक तस्वीर
संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू)। मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप पीने के बाद दर्जनों छोटे बच्चों की मौत के बाद सरकार ने उन कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है।
साथ ही सरकार ने निर्देश जारी कर दिया है कि बिना डॉक्टरों के पुर्जा के प्रतिबंधित कफ सिरप नहीं दें। उन बच्चों की मौत वैसे कफ सिरप से हुई है, जिनमें डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड मिक्स मालिक्यूल भी शामिल थी।
इन कफ सिरप को छोटे बच्चों (2 से 5 सात तक के बच्चों) को देने पर प्रतिबंध है। पलामू जिले के शहरी क्षेत्र में ऐसे कफ सिरप भी निजी दवा दुकानों में धड़ल्ले से बिक रही है।
दुकानदार बिना डाक्टरों के पर्ची के ही ग्राहकों को दवा बेंच रहे हैं। शनिवार को शहर के रेड़मा, स्टेशन रोड, एमएमसीएच के बाहर लगभग आधा दर्जन दवा दुकानों की पड़ताल की गई।
इस दौरान पाया गया कि कफ सिरप लेने के लिए बस दुकानदार के पास अच्छी जान पहचान होना जरूरी है। इसके बाद कफ सिरप मिलने में देरी नहीं लगेगा। डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड मिक्स मालिक्यूल कफ सिरप मांगने पर दवा दुकान आराम से देते मिले। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इतना ही नहीं जिस डब्बे पर साफ शब्दों में लिखा है कि इसे चार साल से कम उम्र के बच्चों को किसी ही हाल में न दे। ऐसे कफ सिरप भी दो से तीन साल के बच्चाें के लिए दिए जा रहे थे। पूछने पर दवा दुकानदारों ने पीने के खुराख भी बता रहे थे।
स्वास्थ्य विभाग का निर्देश
केंद्र सरकार से एडवाइजरी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। ड्रग कंट्राेल विभाग को निर्देश दिया गया है कि सभी दवा दुकानों में बिक्री हो रही कफ सिरप की सैंपलिंग हो और इसे जांच के लिए तत्काल ही भेजा जाए।
केंद्र सरकार के एडवाइजरी में स्पष्ट कहा गया है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को ये कफ सिरफ किसी कीमत पर नहीं दें। साथ ही पांच साल के कम उम्र के बच्चों में इसके उपयोग से बचे। बिना डाक्टर के सालह के दवा बिलकुल भी न दें। |
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