LHC0088 • 2025-10-12 06:36:16 • views 637
प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। लिंकरोड थाना क्षेत्र के टैक्सी चालक के हापुड़ पिलखुआ में सड़ी-गली हालत में मिले शव की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। टैक्सी चालक योगेश की हत्या पत्नी ने प्रेमी संग मिलकर की थी और पुलिस व परिवार को गुमराह करने के लिए पति की गुमशुदगी दर्ज करा दी थी। इसके बाद वह परिवार के लोगों के साथ पति को तलाशने के लिए लगातार थाने के चक्कर भी काट रही थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शनिवार को पुलिस ने मामले का पर्दाफाश करते हुए आरोपित पत्नी पूजा व उसके प्रेमी बुलंदशहर के डिबाई के दौरऊ गांव निवासी आशीष को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों ने योगेश की हत्या की सुपारी एक लाख रुपये में चंद्रपाल व उसके साथी प्रवीण को दी थी। आरोपितों ने पूर्व में भी दो बार हत्या का प्रयास किया था लेकिन कामयाब नहीं हो सके थे। बाकी दोनों आरोपित अभी फरार हैं, पुलिस उन्हें तलाश रही है।
एसीपी साहिबाबाद श्वेता यादव ने बताया कि लिंकरोड के साहिबाबाद गांव की रहने वाली पूजा ने दो अक्टूबर को अपने 34 वर्षीय पति योगेश की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पूजा का कहना था कि योगेश 24 सितंबर से लापता है। इस बीच योगेश का शव पिलखुआ के जंगलों से सात अक्टूबर को बरामद हुआ था।
इसके बाद आठ अक्टूबर को योगेश के भाई बृजपाल सिंह ने पूजा व उसके प्रेमी पर हत्या का आरोप लगाते हुए हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच में पता चला है कि पूजा व योगेश की शादी वर्ष 2013 में हुई थी, दोनों के पास दो बेटे भी हैं।
योगेश ने पूजा को बिजनौर में अलग से मकान दिलवाया था और खुद साहिबाबाद क्षेत्र में नौकरी करता था। दो साल पहले व पूजा और बच्चों को यहां लेकर आया था। बिजनौर में रहते हुए ही पूजा का प्रेम प्रसंग आशीष से हो गया था और दोनों शादी करना चाहते थे। पूजा ने कई बार योगेश से तलाक मांगा लेकिन उसने मना कर दिया।
इस पर पूजा ने आशीष के साथ पति की हत्या की साजिश रची और आशीष ने अपने परिचित चंद्रपाल व उसके साथी प्रवीण को हत्या के लिए एक लाख रुपये में सुपारी दी। पूजा ने 24 सितंबर को बहाने से योगेश को पिलखुआ बुलाया। यहां पूजा के साथ आशीष को देखकर योगेश ने विराेध किया।
इस पर आरोपितों ने योगेश को पकड़ा और चंद्रपाल ने पेपर कटर से गले पर वार कर दिया। घायल होनेे पर योगेश जंगलों की तरफ भागा तो उसके पीछे पूजा, आशीष, चंद्रपाल और प्रवीण भी भागे और कुछ आगे जाकर उसे दबोच लिया।
इसके बाद आरोपितों ने पेपर कटर से ताबड़तोड़ वार कर हत्या कर दी। आरोपितों ने पास में ही योगेश की बाइक को ठिकाने लगाया और मौके से फरार हो गए। वापस आकर पूजा ने कई दिन बाद दो अक्टूबर को योगेश की गुमशुदगी दर्ज कराई और परिवार वालों के साथ पति को तलाशने के लिए लिंकरोड पुलिस के साथ अधिकारियों के चक्कर भी लगाती रही।
पूर्व में भी एक युवक से पूजा के रह चुके हैं अवैध संंबंध
एसीपी ने बताया कि जांच में पता चला है कि पूजा के आशीष से पहले सुखदेव नाम के एक युवक के संबंध थे। सुखदेव और आशीष कर्नाटक की एक टावर लगाने वाली कंपनी में काम करते थे। किसी बात को लेकर सुखदेव और पूजा में विवाद हो गया और दोनों का संपर्क टूट गया। इस दौरान सुखदेव ने पूजा का नंबर आशीष को दिया और सुलह कराने के लिए कहा। आशीष ने पूजा से फोन पर बात की तो दोनों के बीच दोस्ती हुई और संबंध बन गए।
पूजा ने दी थी दुष्कर्म के केस में फंसाने की धमकी
जांच में आया है कि आशीष कर्नाटक से नौकरी छोड़कर आया और पिलखुआ में रहने लगा। पूजा आशीष के मकान पर जाकर कई माह लिवइन में रही। इस दौरान पूजा का आपरेशन हुआ और उसकी देखभाल आशीष को करनी पड़ी। उसने पूजा व बच्चों की जिम्मेदारी उठाने से मना कर दिया तो पूजा ने उसे दुष्कर्म के केस में फंसाने की धमकी दी और तीन लाख रुपये मांगे। बाद में पति के कहने पर वह वापस साहिबाबाद आ गई और उसने पड़ोस में आशीष को कमरा किराये पर दिलाया और इसका किराया भी वह खुद देती थी।
आरोपितों ने दो बार किया योगेश की हत्या का प्रयास
योगेश ने पूजा के साथ दुष्कर्म का एक मुकदमा बिजनौर में दर्ज करवाया था। इस मुकदमे की पैरवी का झांसा देकर उसने योगेश को 13 सितंबर को बिजनौर बुलाया। यहां उसने चंद्रपाल के साथी प्रवीण को योगेश की हत्या के लिए उसकी फोटो दी थी। योगेश हाथरस पहुंचा लेकिन प्रवीण फोटो से योगेश को नहीं पहचान पाया, इसलिए हत्या नहीं कर पाया। इसके बाद 15 सितंबर को चंद्रपाल ने योगेश को आशीष के साहिबाबाद स्थित कमरे पर पूजा का सामान ले जाने के लिए बुलाया। यहां बुलाकर वह हत्या करता लेकिन देर रात तक भी योगेश नहीं पहुंचा तो वह वारदात को अंजाम नहीं दे सका।
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